लोकप्रिय पोस्ट

आचरण की महानता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आचरण की महानता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 6 जुलाई 2021

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा रहे हैं। जीवन में कहीं कुछ बिखरा हुआ सा है और खुशी कहीं गायब सी है। सोशल मीडिया जैसे अनेक साधन तो हैं किंतु आमने सामने का संवाद और उसका महत्व अलग ही होता है। संगी साथियों के साथ ठिठोली मस्ती एवं साथ साथ किया हुआ भोजन एक अलग ही आनंद देता है। 

सामूहिक एवं धार्मिक आयोजन जीवन में नए रंग भरते हैं। त्योहारों पर मिलना जुलना खुशी को एक नए स्तर पर ले जाता है। ऐसे में यह और भी अधिक जरूरी हो जाता है कि खुशी का संचार लोगों में कैसे किया जाए? वास्तव में खुशी बाहर नहीं अंदर ही है लेकिन वह सबसे महान व्यक्ति है जो लोगों के जीवन में खुशी का संचार करता है। वास्तव में खुशी के दान से अधिक और कोई बड़ा दान नहीं है।


 

सोमवार, 10 मई 2021

रिश्ते

 

आज पूरी दुनिया अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा आतंकित है तो वह है रिश्तो की उलझन, संस्कारों का टकराव। आज लोगों के पास सुख साधन तो है ,धन भी भरपूर है पहले से अधिक संपन्नता है किंतु वह अंदर से कहीं टूटा हुआ है। कहीं ना कहीं उसे परिवार का सुख नहीं है। आत्मीयता तो अब याद करने से भी याद नहीं आती. जब पड़ोसी ही परिवार वालों की जगह ले लेते थे और अच्छे बुरे सभी वक्त की सच्चे साथी होते थे।
घरों के अंदर भी वातावरण में बड़ी ही नकारात्मकता है जिससे एक साथ रहते हुए भी सब अलग-अलग कमरों में बंद रहते हैं एवं अपने अहंकार को पोषित करते हैं। अगर रिश्तो को संभालने की कोई चाबी है तो वह है केवल प्यार और प्यार। प्यार के साथ हालांकि अनुशासन का होना भी आवश्यक है ,साथ ही परिवार जनों के साथ एक मर्यादित व्यवहार भी जरूरी है। यह समझकर की हर एक सदस्य अपने आप में एक अलग रुचि और व्यक्तित्व रखता है, अगर इस प्रकार समझदारी से रिश्तो में प्रेम के रंग भरे जाएं तो यह बिखरे हुए परिवार फिर से पुनर्जीवित हो जाएंगे।


संगत का प्रभाव

अच्छे लोगों  की संगत जीवन में एक ऐसा चुनाव होता है जो जीवन को सुंदर भी बना सकता है एवं बिगाड़ भी सकता है। जीवन में जिन्हें सफलता के नए आयामो को रचना हो, कुछ करके दिखाना हो, उन्हें अपने मित्रों के चुनाव पर बहुत ध्यान देना चाहिए। एक अच्छा साथ, एक अच्छा मित्र एवं मार्गदर्शक आपका जीवन बदल सकता है। एक अच्छा साथ ना केवल हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित करता है बल्कि बुरे समय में वह एक बहुत ही मजबूत सहारा बनकर उभरता है। अच्छे मित्र के प्रभाव से हमारे निर्णय भी सटीक होते हैं एवं जीवन में उल्लास बना रहता है।
गलत संगत जीवन में बड़े ही खराब परिणाम ला सकती है। हाथ में आती हुई सफलता भी फिसल सकती है एवं व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ सकता है। अच्छे लोगों की संगत चुनना भी बहुत बुद्धिमानी का काम होता है। वह ऐसे ही है कि हंस दानों में से मोती चुन लेता है। अच्छी संगत करें और स्वयं के जीवन में परिवर्तन देखें।

 

सोमवार, 3 मई 2021

रिश्ते

आज हर दूसरे घर में रिश्तो में तनाव है, जैसे अनकही रेखाएं खिंच गई हैं एक दूसरे के बीच में। कारण है आदतों में, संस्कारों में टकराव और उनके बीच का अंतर। घटी हुई सहनशीलता एवं अनादर यह संभव ही नहीं होने देता कि एक दूसरे के स्वभाव और आदतों को समझ कर धैर्य धारण करें एवं एक दूसरे को तालमेल बैठाने के लिए समय दे। 

इसका परिणाम यह होता है कि रिश्तो का यह टकराव जल्दी ही अलगाव के रूप में बदल जाता है। स्वतंत्रता के मायने आज पूर्ण रूप से अलग रहना है। वास्तव में एक अच्छे तालमेल के लिए दोनों पक्षों का सहनशील एवं सामंजस्य पूर्ण होना जरूरी है तभी रिश्तो की खोई हुई महक वापस आती है इसलिए लकीरें मत खींचे उन्हें मिटाने का काम करें।


 

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

विपत्ति में मुस्कान

विपत्ति कभी पूछ कर नहीं आती। आज दुनिया भयंकर विनाश और अग्नि परीक्षा की स्थिति में है। हर तरफ भय और नकारात्मकता का वातावरण है। ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी जिस व्यक्ति में इतनी शक्ति हो कि वह सकारात्मक रह सके और औरों में भी ऊर्जा भर सके वास्तव में वही सबसे बड़ा साहसी है। सकारात्मकता की यह शक्ति ही बड़े जतन से आती है। यह लंबे काल के अभ्यास और तपस्या के बाद आती है ।
 तपस्या वह नहीं जो गुफाओं के अंदर रहकर की जाए किंतु अपने विचारों को साध कर एवं  मेहनत करके सकारात्मकता की शक्ति को अपने अंदर भरा जा सकता है। यही इकट्ठी की हुई शक्ति विनाश काल में काम आती है। यही पुरुषार्थ और साहस का आधार बनती है। वही व्यक्ति विपत्ति में मुस्कुरा सकता है जिसमें इतनी शक्ति हो और विपत्ति में खिला हुआ चेहरा औरों के लिए भी महान प्रेरणादायक होता है।

 

सरलता

सरल हृदय की सुंदरता की कई मिसाले दी गई हैं। सरल हृदय जैसे एक हीरे के समान है जो सदा प्रकाशमान होता है।सरलता का अपना एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें जो भी आता है वह उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाता। एक सरल हृदय व्यक्ति ना केवल अपने जीवन को खुशनुमा बनाता है बल्कि दूसरों के जीवन में भी सुंदर परिवर्तन लाता है। 
अपने प्रकाश से वह दूसरो के अंधकारमय जीवन को भी दीप्त करता है। सरलता की गरिमा और उसकी महिमा दोनों ही अपार है। जिसमें सरलता है उसमें आडंबर और दिखावे की कोई संभावना नहीं होती जिससे उससे निकलने वाले शब्द सहज ही सच्चे होते हैं और उन में शक्ति होती है। वह सीधे लोगों के दिलों में उतरते हैं और एक प्रभाव क्षेत्र छोड़ते हैं अतः सरलता की जितनी महिमा की जाए वह कम है। 

 

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

वाणी का प्रभाव

बहुत से लोग बहुत अधिक बोलने के आदी होते हैं। परिणाम यह होता है कि लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और ना ही उन्हें सुनना पसंद करते हैं। साथ ही साथ शब्दों की शक्ति और मानसिक शक्ति का जो व्यय होता है वह अलग।

अतः अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बनाना हो तो सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपकी बात का वजन हो । बात को प्रभावी बनाने के लिए यह जरूरी है कि आपकी बात की गहराई ज्यादा हो ना लंबाई। अक्सर लंबी बातें अपने उद्देश्य से भटक जाती हैं और अपना महत्व खो देती हैं अतः कम बोले, सार्थक बोले।


 

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

खुद से दोस्ती

कहते हैं सबसे संतुलित व्यक्ति वहां होता है जो अपने आप में आंतरिक रुप से संचालित होता है। जिसने स्वयं से दोस्ती कर रखी हो और जो स्वयं अपने आप से तालमेल में हो, वह बाहर भी जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित एवं सशक्त होता है। अगर अंदर शांति है, स्थिरता है, तो वह बाहर भी छलकेगी। अंदर का तेज जब बाहर आता है तो प्रकाश बनकर चारों और फैलता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।

वास्तव में हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत पल वह होते हैं जो हम स्वयं के साथ बिताते हैं, जब हम स्वयं को टटोलते हैं, स्वयं को समझते हैं और स्वयं को निखारते हैं। जिसने अपने आप को जितना अधिक जाना और तराशा उसकी आभा पूरे जगत में उतनी ही विस्तृत हुई।


 

मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

कर्म फल

यह विचार पढ़ते समय आपको लगता होगा कि यह कैसा विचार है ? एक सकारात्मक विचार तो हमेशा यह कहता है कि हमारा जीवन तो हमारे हाथों में होता है, उसकी लगाम तो हमारे हाथों में ही हैं फिर जीवन की चालें पहले से निश्चित कैसे हुई ? वास्तव में यह विचार हमारे कर्मों की प्रतिछाया को दिखाने वाला विचार है। हम जैसे कर्म करते हैं हमारा भविष्य तो पहले ही निश्चित हो जाता है।

जो कुछ भी हम पा रहे होते हैं वह और कुछ नहीं जो हमने दिया उसी का फल है और जो हम कर रहे हैं वह हम भविष्य में पाएंगे चाहे वह प्रेम हो, सेवा हो या कृतज्ञता हो। तो हमारे कर्मों का परिणाम ही हमारे सामने आता है । अतः जीवन की चाले तो तभी निश्चित हो जाती हैं जब हम अच्छे बुरे कर्मों को करते हैं।


 

खुद को निखारे

आज की भौतिक दुनिया में अधिकांश लोग यह समझते हैं कि दिखावा कर कर वह अपने मूल व्यवहार को, अपने मूल स्वभाव को छुपा सकते हैं। वह यह नहीं जानते कि हमारा मूल स्वभाव किसी छेद से निकलती हुई प्रकाश की तरंगों जैसा है। हमारे व्यवहार में भी कहीं ना कहीं ऐसे छोटे-छोटे छेद होते हैं जो ना चाहते हुए भी सामने दिख ही जाते हैं। अगर अंदर कचरा हो तो बाहर भी उसका प्रतिरूप ही दिखेगा, अगर अंदर अशांति हो तो चेहरे की भाव भंगिमा भी अपने आप ही ऐसी हो जाती हैं।

चाहे उन्हें कितना भी श्रृंगार करके छुपाया जाए किंतु वह भाव नहीं छुपते। अतः सबसे पहले अगर किसी पर कार्य करना है तो वह स्वयं हम ही हैं। जब तक हमारे अंतरतम को शांति, प्रेम और सद्गुणों से नहीं सजाया जाएगा, हमारी परछाई भी हमारी सच्चाई को बयां करेगी।


 

सोमवार, 23 नवंबर 2020

संपन्नता

संपन्नता- एक अद्भुत शब्द जो हर इंसान की इच्छाओं में से एक है। हर इंसान अपने जीवन में दिन रात मेहनत करके सारे साधनों को इकट्ठा करना चाहता है एवं तमाम शानो शौकत इकट्ठा करना चाहता है। वास्तव में यह बहुत कम लोगों को ज्ञात है की संपन्नता बाहरी नहीं अंदरूनी होती है। संपन्नता बाहर तो बाद में दिखाई देती है किंतु यह वास्तव में आंतरिक है, यह आपके विचारों में बसती है।

एक पुरानी कहावत है कि जेब में पांच रुपये भी हो तो शान से कहो- काफी है। वास्तव में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास सब कुछ होते हुए भी वह अंदर से रिक्त महसूस करते हैं और बहुत से ऐसे भी हैं जो कम होने के बाद भी अंदर से मालामाल है। अतः संपन्नता केवल धन से ही संबंधित नहीं है वह रिश्तो में भी है, साधनों में भी है और सबसे बढ़कर आपकी आंतरिक संतुष्टि में है। उस पर ध्यान केंद्रित करें, वही सच्ची संपन्नता है।


 

परिवार

परिवार- यह शब्द हम सब के लिए कितना महत्वपूर्ण है, कितना दिल के करीब है हम सब जानते हैं। उससे भी बढ़कर आप किसी अनाथ से पूछे कि परिवार क्या होता है तो जैसे या प्रश्न उसके लिए जिंदगी जैसा ही महत्वपूर्ण होगा। आज परिवार टूट रहे हैं, बिखर रहे हैं । इंसानों की संपन्नता तो बढ़ रही है लेकिन वह अंदर से खाली होता जा रहा है क्योंकि वास्तव में अंदर से भरा पूरा महसूस करने के लिए, साधनों की नहीं एक साथ की, अपनों की जरूरत होती है।

 आज के समय में दिखावा बढ़ता जा रहा है और अपने हितैषी पीछे छूटते जा रहे हैं। परिवार समाज का वह महत्वपूर्ण अंग है, वह धुरी है जिसके आसपास समाज की रचना होती है एवं उसमें मानवता सांस लेती है। परिवार को बचाना है तो सबसे पहले व्यक्ति से शुरुआत करनी होगी और वह पहला व्यक्ति खुद आप ही क्यों ना हो ?


 

शनिवार, 21 नवंबर 2020

ज्ञान एक खज़ाना

हर ज्ञानी का पतन एक दिन उसके अहंकार के कारण ही हुआ है। इतिहास गवाह है कि जिसने अपने ज्ञान को संभाल कर नहीं रखा, उसे समय के साथ तराशा नहीं एवं उसके महत्व को नहीं जाना, उसे समय ने भुला दिया। जितने महान व्यक्तित्व इस दुनिया में हुए हैं उन सभी ने आजीवन एक विद्यार्थी बनकर अपने ज्ञान को नई ऊंचाई दी है।

ज्ञान की तलवार तब और भी धारदार एवं शक्तिशाली हो जाती है जब उसमें आजमाने और चुनौतियों का सामना करने का दम भर जाता है। अतः अपने आप को निरंतर चुनौती देते रहने से आपका ज्ञान कमल की तरह खिलकर चारों और अपना सौंदर्य बिखेरता है, इसे सदैव याद रखें।


 

लगन की महिमा



 

लगन मतलब किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय एवं उसमें अपने आत्मबल का स्पर्श। यह बात किसी को भी बताने की जरूरत नहीं कि जो भी महान सफल व्यक्ति इस दुनिया में हुए हैं उनमें लगन का अतिशय भंडार था। उनके  जीवन में मुसीबतों के अनेक पहाड़ टूटे, अनेक विषम परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा किंतु वह अपने लक्ष्य से नहीं डिगे।

 हम सब यह जानते हैं किंतु कहीं ना कहीं हममें आत्मबल की कमी होती है जिससे हम अपने लक्ष्यों को छोड़ देते हैं या रास्ता ही बदल देते हैं पर जिसमें लगन हो वह हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के बाद भी अपने लक्ष्य को नहीं भूलता और उसे पाकर ही रहता है। सच ही है सच्ची लगन मुसीबतों को देखती ही नहीं, केवल अपने लक्ष्य को देखती है।


गुरुवार, 19 नवंबर 2020

कुछ करने की प्रेरणा

अक्सर असफल होने पर अधिकांश व्यक्ति सही अवसरों के नहीं होने या उचित सुविधाओं के नहीं होने को कारणों में गिनाते हैं। यह कारण बहुत हद तक सही भी होते हैं किंतु देखा गया है कि विषम से विषम परिस्थितियों में विजय प्राप्त करने वाले अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करते बल्कि अवसरों को उत्पन्न करते हैं। अपनी दक्षता के बल पर वे हर परिस्थिति को हराते हुए विजय पथ पर अग्रसर होते हैं। तो इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि केवल अवसर का ना होना कोई कारण नहीं वास्तव में हमारे अंदर प्रेरणा एवं आत्म बल की कमी ही असफलता के लिए जिम्मेदार है।

कई बार एक व्यक्ति बड़े जोश से बड़े उत्साह से कोई कार्य शुरू करता है किंतु अक्सर उसी बीच में अधूरा छोड़ देता है। यह हम में से अधिकांश लोगों की समस्या है। इसका मुख्य कारण है सतत प्रेरणा का ना होना एवं आत्म बल की कमी होना। अगर सही प्रेरणा और कुछ पाने की आग निरंतर बनी रहे तो सफलता निश्चित है।


 

परिश्रम

कहावत है परिश्रमी पर लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं। यह कहावत उन पर बिल्कुल सटीक बैठती है जो अपने कर्मों से अपने भाग्य की लकीरों को बदल देते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा होता है अपने आप पर और अपने कर्मों पर। जो जीवन भर दूसरों की छाया में चुप कर रहना चाहते हैं, दूसरों के आश्रय में जीवन बिताना चाहते हैं वह कभी भी स्वयं की परछाई नहीं देख पाते।

स्वयं की मेहनत से पसीना बहा कर पाया हुआ धन एवं साधन अद्भुत संतोष देते हैं लेकिन उसके लिए धूप में भी पकना पड़ता है, संघर्षों का सामना करना होता है। मेहनत की रोटी में जो सुख है वह दूसरों से प्राप्त धन और सुंदर व्यंजनों में भी नहीं है। मेहनत से कमाने में धूप की चुभन है, कभी दर्द भी है किंतु अंत में सुखद संतोष एवं शांति है।


 

रविवार, 15 नवंबर 2020

शांति का प्रकाश

जब हम किसी देव पुरुष या किसी महापुरुष के व्यक्तित्व को देखते हैं तो सबसे पहले जो दिखता है वह उनके चेहरे पर छाई हुई अनोखी सरलता एवं शांति। उनके चारों ओर फैला हुआ प्रकाश स्वत: ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। उनके व्यक्तित्व का सबसे सुंदर पहलू अगर कोई होता है तो वह है उनके चेहरे पर फैली हुई धैर्य मिश्रित अनोखी शांति।

यही वह ऊर्जा है जो उन्हें सतत प्रकाशमान करती है एवं अनेकों को उनकी ओर एक चुंबक की तरह खींचती भी है। यह ऊर्जा यूं ही नहीं आती अपितु यह अंदर की तप साधना का ही परिणाम है। अतः जिसके अंदर शांति है उसके लिए सारा जग ही सुंदर है।


 

शनिवार, 7 नवंबर 2020

भाग्य निर्माण

शब्दों की शक्ति अपार है | विचारों से शब्दों का निर्माण होता है एवं हमारे शब्द ही हमारे कर्मों में उतरकर हमारा भाग्य बनाते हैं। किसी से बात करते समय कैसे शब्द चुनना है यह बहुत समझदारी का विषय है। कई बार केवल शब्दों के प्रयोग से बनती हुई बात बिगड़ जाती है या बिगड़ी हुई बात बन जाती है। साथ ही साथ शब्दों की भी अपनी शक्ति होती है, अपनी तरंगे होती हैं।

शब्दों के प्रयोग के समय केवल वाणी का ही उपयोग नहीं कर रहा होता है किंतु भावों का भी समावेश करना होता है। कई बार वह भाव बिना कहे ही गजब का प्रभाव छोडते हैं। कहते भी हैं दिल से कही गई बात सदैव सफल होती है इसलिए शब्दों का चुनाव सोचकर करें।


 

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

चरित्र निर्माण

 बड़ी विचित्र बात है क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब आप किसी से मिल रहे होते हैं तो इससे आपका चरित्र भी प्रगट होता है। वास्तव में हमारे तौर तरीके, हमारा व्यवहार और दूसरों से हमारा मिलने का तरीका हमारे चारित्रिक गुणों और आदतों को ही प्रकट करता है। कितनी गहरी बात है यह किंतु बहुत कम लोग से समझते हैं।

एक पारखी पहली बार में ही व्यक्ति के मिलने के तरीके से उसके चरित्र का बहुत कुछ अनुमान लगा लेता है। चाहे आप कितना ही क्यों ना छुपाए आपका मूल चरित्र आपके व्यवहार से परिलक्षित हो ही जाता है। तो आगे से जब आप किसी से मिले तो ना केवल उसे पारखी नजरों से देखें बल्कि गहराई से अपने व्यवहार पर भी नजर डालें कि वह आप के किन गुणों को प्रकट कर रहा है। 


 

प्रेम एक झलक

प्रेम के ऊपर जितना भी लिखा जाए वह कम है। बड़े बड़े महान कवियों की कलम से प्यार की बड़ी-बड़ी बातें लिखी गई हैं कुछ कविताओं के माध्यम से तो कुछ कहानियों के। प्रेम सदियों से चर्चा का विषय रहा है किंतु सच्चा प्रेम वह है जो स्वार्थ रहित हो । स्वार्थ रहित प्रेम में स्वीकार्यता बहुत अधिक होती है एवं वह सामने वाले व्यक्ति को कमजोर बनाने की वजह और भी ताकतवर बनाता है।

 प्रेम की शक्ति अनंत है। सच्चा प्रेम बुझे हुए मन में भी आशा के दीपक जलाता है और एक प्यासे के लिए वह किसी जल की धारा की समान शीतल एवं तृप्त करने वाला होता है। सदा ध्यान रहे प्रेम कभी भी आपको कमजोर नहीं बल्कि शक्तिशाली एवं आत्म बल से संपन्न बनाता है।


 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...