सुविचार,शुभ संकल्प,श्रेष्ठ विचार आदि नामों से हम परिचित हैं और कदाचित उसकी शक्ति से भी। अपने माता पिता एवं गुरुजनों से एवं बड़े बूढ़ों से हमें सुनते आए हैं कि नियमित सत्संग और अच्छे विचारों को अपनी सोच और अपने जीवन में भरते रहना चाहिए। यह सुविचार ही आगे के जीवन में हमारे लिए एक रक्षा कवच का काम करते हैं।
चाहे विपत्ति कैसी भी क्यों ना हो यह श्रेष्ठ संकल्प ही हमारा उत्तम आत्मबल बन के सामने आते हैं और इनमें इतनी शक्ति होती है कि हम हर मुसीबत का सामना साहस के साथ कर पाते हैं। अतः विचारों की शक्ति को कम ना समझे और एक सुविचार की खुराक नियमित रूप से अपने मन को दें और फिर चमत्कार देखें।
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