यह ब्लॉग अंतर्मन के मंथन से निकले हुए सुंदर विचारों का एक गुलदस्ता है जो सीधे हमारे हृदय को स्पर्श करते हैं और निरंतर अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं|
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बुधवार, 28 अप्रैल 2021
विश्वास
विपत्ति में मुस्कान
बुधवार, 21 अप्रैल 2021
विचारों की संजीदगी
सोमवार, 1 फ़रवरी 2021
खुद से दोस्ती
कहते हैं सबसे संतुलित व्यक्ति वहां
होता है जो अपने आप में आंतरिक रुप से संचालित होता है। जिसने स्वयं से दोस्ती कर
रखी हो और जो स्वयं अपने आप से तालमेल में हो, वह बाहर भी जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित
एवं सशक्त होता है। अगर अंदर शांति है, स्थिरता है, तो वह बाहर भी
छलकेगी। अंदर का तेज जब बाहर आता है तो प्रकाश बनकर चारों और फैलता है और दूसरों
को भी प्रकाशित करता है।
वास्तव में हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत
पल वह होते हैं जो हम स्वयं के साथ बिताते हैं, जब हम स्वयं को टटोलते हैं, स्वयं को समझते
हैं और स्वयं को निखारते हैं। जिसने अपने आप को जितना अधिक जाना और तराशा उसकी आभा
पूरे जगत में उतनी ही विस्तृत हुई।
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020
सुंदर विचार
संकल्प यानी हमारे विचार और उन से
निकली हुई तरंगे। हम सभी विचारों की शक्ति से वाकिफ है कि कैसे एक सुंदर विचार एक
सुंदर कर्म में बदलता है और अनेकों को लाभ पहुंचाता है। दुनिया में जहां कहीं भी
कुछ भी महान एवं अच्छा होता है उसके पीछे
एक शक्तिशाली एवं सुंदर विचार का ही हाथ होता है। सबसे पहले वह विचार मानसिक जगत
में प्रकट होता है और फिर वह भौतिक जगत में रूप लेता है। कर्मों में उतर कर वह और
भी सुंदर बन जाता है एवं हजारों लाखों तक पहुंचकर उसका प्रकाश और भी तीव्र हो जाता
है।
सबसे अच्छी बात जो सुंदर संकल्प के
बारे में है वह यह है कि वह हमारी उस शक्ति को व्यर्थ होने से बचाता है जो दिन रात
गलत विचारों में खपकर कुछ अच्छा और सार्थक करने से रोकती है। अतः सबसे पहले अपने
संकल्पों पर नजर डालें यह आपके लिए वरदान भी हो सकते हैं और अभिशाप भी।
सोमवार, 23 नवंबर 2020
संपन्नता
संपन्नता- एक अद्भुत शब्द जो हर इंसान
की इच्छाओं में से एक है। हर इंसान अपने जीवन में दिन रात मेहनत करके सारे साधनों
को इकट्ठा करना चाहता है
एवं तमाम शानो शौकत इकट्ठा करना चाहता है। वास्तव
में यह बहुत कम लोगों को ज्ञात है की संपन्नता बाहरी नहीं अंदरूनी होती है।
संपन्नता बाहर तो बाद में दिखाई देती है किंतु यह वास्तव में आंतरिक है, यह आपके विचारों में बसती है।
एक पुरानी कहावत है कि जेब में पांच रुपये भी
हो तो शान से कहो- काफी है। वास्तव में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास सब कुछ होते
हुए भी वह अंदर से रिक्त महसूस करते हैं और बहुत से ऐसे भी हैं जो कम होने के बाद
भी अंदर से मालामाल है। अतः संपन्नता केवल धन से ही संबंधित नहीं है वह रिश्तो में
भी है,
साधनों में भी है और सबसे बढ़कर आपकी आंतरिक संतुष्टि में है। उस पर ध्यान
केंद्रित करें, वही सच्ची संपन्नता है।
स्व प्रेरणा
हर व्यक्ति के जीवन में एक प्रेरणा
होती है - ऐसा कोई व्यक्ति जो आपके करीब हो या फिर आपके लिए एक आदर्श हो। यह
प्रेरणा उस व्यक्ति को लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। पर
क्या वास्तव में आपकी प्रेरणा बाहरी है? बहुत ध्यान से अगर आप इस प्रश्न के ऊपर सोचे
और अवलोकन करें तो पाएंगे कि आप की प्रेरणा तो स्वयं आप ही हैं। पर कैसे?
वह ऐसे कि कितने भी बाहरी प्रयत्न कर लिए जाएं
आपको जगाने के लेकिन जिस क्षण आप उसे स्वीकार करते हैं एवं आगे बढ़ने का निर्णय
लेते हैं उसी दिन आप उस प्रेरणा को ग्रहण करते हैं। तो वास्तव में आप स्व प्रेरित
ही हुए ना।
शनिवार, 21 नवंबर 2020
ज्ञान एक खज़ाना
हर ज्ञानी का पतन एक दिन उसके अहंकार
के कारण ही हुआ है। इतिहास गवाह है कि जिसने अपने ज्ञान को संभाल कर नहीं रखा, उसे समय के साथ
तराशा नहीं एवं उसके महत्व को नहीं जाना, उसे समय ने भुला दिया। जितने महान व्यक्तित्व
इस दुनिया में हुए हैं उन सभी ने आजीवन एक विद्यार्थी बनकर अपने ज्ञान को नई ऊंचाई
दी है।
ज्ञान की तलवार तब और भी धारदार एवं
शक्तिशाली हो जाती है जब उसमें आजमाने और चुनौतियों का सामना करने का दम भर जाता
है। अतः अपने आप को निरंतर चुनौती देते रहने से आपका ज्ञान कमल की तरह खिलकर चारों
और अपना सौंदर्य बिखेरता है, इसे सदैव याद रखें।
लगन की महिमा
लगन मतलब किसी कार्य को करने का दृढ़
निश्चय एवं उसमें अपने आत्मबल का स्पर्श। यह बात किसी को भी बताने की जरूरत नहीं
कि जो भी महान सफल व्यक्ति इस दुनिया में हुए हैं उनमें लगन का अतिशय भंडार था।
उनके जीवन में मुसीबतों के अनेक पहाड़
टूटे, अनेक
विषम परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा किंतु वह अपने लक्ष्य से नहीं डिगे।
हम सब यह जानते हैं किंतु कहीं ना कहीं हममें आत्मबल
की कमी होती है जिससे हम अपने लक्ष्यों को छोड़ देते हैं या रास्ता ही बदल देते
हैं पर जिसमें लगन हो वह हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के बाद भी अपने लक्ष्य
को नहीं भूलता और उसे पाकर ही रहता है। सच ही है सच्ची लगन मुसीबतों को देखती ही
नहीं,
केवल अपने लक्ष्य को देखती है।
गुरुवार, 19 नवंबर 2020
कुछ करने की प्रेरणा
अक्सर असफल होने पर अधिकांश व्यक्ति
सही अवसरों के नहीं होने या उचित सुविधाओं के नहीं होने को कारणों में गिनाते हैं।
यह कारण बहुत हद तक सही भी होते हैं किंतु देखा गया है कि विषम से विषम परिस्थितियों
में विजय प्राप्त करने वाले अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करते बल्कि अवसरों को उत्पन्न
करते हैं। अपनी दक्षता के बल पर वे हर परिस्थिति को हराते हुए विजय पथ पर अग्रसर
होते हैं। तो इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि केवल अवसर का ना होना कोई कारण नहीं
वास्तव में हमारे अंदर प्रेरणा एवं आत्म बल की कमी ही असफलता के लिए जिम्मेदार है।
कई बार एक व्यक्ति बड़े जोश से बड़े
उत्साह से कोई कार्य शुरू करता है किंतु अक्सर उसी बीच में अधूरा छोड़ देता है। यह
हम में से अधिकांश लोगों की समस्या है। इसका मुख्य कारण है सतत प्रेरणा का ना होना
एवं आत्म बल की कमी होना। अगर सही प्रेरणा और कुछ पाने की आग निरंतर बनी रहे तो
सफलता निश्चित है।
परिश्रम
कहावत है परिश्रमी पर लक्ष्मी सदैव प्रसन्न
रहती हैं। यह कहावत उन पर बिल्कुल सटीक बैठती है जो अपने कर्मों से अपने भाग्य की
लकीरों को बदल देते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा होता है अपने आप पर और अपने कर्मों
पर। जो जीवन भर दूसरों की छाया में चुप कर रहना चाहते हैं, दूसरों के
आश्रय में जीवन बिताना चाहते हैं वह कभी भी स्वयं की परछाई नहीं देख पाते।
स्वयं की मेहनत से पसीना बहा कर पाया
हुआ धन एवं साधन अद्भुत संतोष देते हैं लेकिन उसके लिए धूप में भी पकना पड़ता है, संघर्षों का
सामना करना होता है। मेहनत की रोटी में जो सुख है वह दूसरों से प्राप्त धन और सुंदर
व्यंजनों में भी नहीं है। मेहनत से कमाने में धूप की चुभन है, कभी दर्द भी है
किंतु अंत में सुखद संतोष एवं शांति है।
रविवार, 15 नवंबर 2020
शांति का प्रकाश
जब हम किसी देव पुरुष या किसी महापुरुष
के व्यक्तित्व को देखते हैं तो सबसे पहले जो दिखता है वह उनके चेहरे पर छाई हुई
अनोखी सरलता एवं शांति। उनके चारों ओर फैला हुआ प्रकाश स्वत: ही लोगों को अपनी ओर
आकर्षित कर लेता है। उनके व्यक्तित्व का सबसे सुंदर पहलू अगर कोई होता है तो वह है
उनके चेहरे पर फैली हुई धैर्य मिश्रित अनोखी शांति।
यही वह ऊर्जा है जो उन्हें सतत
प्रकाशमान करती है एवं अनेकों को उनकी ओर एक चुंबक की तरह खींचती भी है। यह ऊर्जा
यूं ही नहीं आती अपितु यह अंदर की तप साधना का ही परिणाम है। अतः जिसके अंदर शांति
है उसके लिए सारा जग ही सुंदर है।
सोमवार, 19 अक्टूबर 2020
आत्मबल
आपका आत्मबल वह अनोखा गुण है जो
परमात्मा ने एक रत्न की तरह तराशकर हर व्यक्ति में डाला है। विषम परिस्थितियों में
जब हर ओर अंधेरा ही अंधेरा दिखाई देता है तब कहीं से उम्मीद की एक रोशनी का
साक्षात्कार होता है जो कहीं और से नहीं हमारे अंदर से ही अवतरित होती है। आत्मिक
साहस वह महान गुण हैं जिसे परमात्मा ने सभी में पूरे मन से भरा है।
ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब असंभव की दिखती
हुई परिस्थितियों में कई अनोखे कार्य हुए हैं जो और किसी बल पर नहीं बल्कि आत्म बल
के भरोसे हुए हैं । वास्तव में वही बलवान है जिसने आत्मबल का महान भंडार अपने अंदर
सुरक्षित रखा है। यह वह धन है जो आपसे कोई चोर नहीं चोरी कर सकता ना कोई आपसे छीन
सकता है। इसे बनाए रखें, यही हर स्थिति में आपका परम मित्र है।
शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020
आत्मबल
किसी भी कार्य में श्रेय लूटना जैसे आज
इस युग की परिपाटी सी है। जितना ध्यान व्यक्ति कार्य की उत्कृष्टता पर नहीं देता
उतना वह इस पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे वह उस कार्य का श्रेय लूट सके। जिससे
वह व्यक्ति सबसे अधिक निराश होता है जिसने वास्तव में उस कार्य को अंजाम दिया है
किंतु दूसरों के द्वारा उसका श्रेय ले लेने से उसकी प्रेरणा एवं प्रोत्साहन कम
होता है।
ऐसा भी समय आता है जब एक उत्कृष्ट
कार्य करने वाला व्यक्ति भी हताशा के वश होकर कार्य करना ही छोड़ देता है किंतु
अपने आप पर भरोसा रखना और अपना कार्य जारी रखना इस मुश्किल क्षण में सबसे बड़ी
परीक्षा है। ऐसे समय में जिसने अपने आत्मबल की शक्ति को बनाए रखा वह जग जीत सकता
है।
ख़ुशी की खुराक
आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...
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