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सोमवार, 10 मई 2021

रिश्ते

 

आज पूरी दुनिया अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा आतंकित है तो वह है रिश्तो की उलझन, संस्कारों का टकराव। आज लोगों के पास सुख साधन तो है ,धन भी भरपूर है पहले से अधिक संपन्नता है किंतु वह अंदर से कहीं टूटा हुआ है। कहीं ना कहीं उसे परिवार का सुख नहीं है। आत्मीयता तो अब याद करने से भी याद नहीं आती. जब पड़ोसी ही परिवार वालों की जगह ले लेते थे और अच्छे बुरे सभी वक्त की सच्चे साथी होते थे।
घरों के अंदर भी वातावरण में बड़ी ही नकारात्मकता है जिससे एक साथ रहते हुए भी सब अलग-अलग कमरों में बंद रहते हैं एवं अपने अहंकार को पोषित करते हैं। अगर रिश्तो को संभालने की कोई चाबी है तो वह है केवल प्यार और प्यार। प्यार के साथ हालांकि अनुशासन का होना भी आवश्यक है ,साथ ही परिवार जनों के साथ एक मर्यादित व्यवहार भी जरूरी है। यह समझकर की हर एक सदस्य अपने आप में एक अलग रुचि और व्यक्तित्व रखता है, अगर इस प्रकार समझदारी से रिश्तो में प्रेम के रंग भरे जाएं तो यह बिखरे हुए परिवार फिर से पुनर्जीवित हो जाएंगे।


संगत का प्रभाव

अच्छे लोगों  की संगत जीवन में एक ऐसा चुनाव होता है जो जीवन को सुंदर भी बना सकता है एवं बिगाड़ भी सकता है। जीवन में जिन्हें सफलता के नए आयामो को रचना हो, कुछ करके दिखाना हो, उन्हें अपने मित्रों के चुनाव पर बहुत ध्यान देना चाहिए। एक अच्छा साथ, एक अच्छा मित्र एवं मार्गदर्शक आपका जीवन बदल सकता है। एक अच्छा साथ ना केवल हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित करता है बल्कि बुरे समय में वह एक बहुत ही मजबूत सहारा बनकर उभरता है। अच्छे मित्र के प्रभाव से हमारे निर्णय भी सटीक होते हैं एवं जीवन में उल्लास बना रहता है।
गलत संगत जीवन में बड़े ही खराब परिणाम ला सकती है। हाथ में आती हुई सफलता भी फिसल सकती है एवं व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ सकता है। अच्छे लोगों की संगत चुनना भी बहुत बुद्धिमानी का काम होता है। वह ऐसे ही है कि हंस दानों में से मोती चुन लेता है। अच्छी संगत करें और स्वयं के जीवन में परिवर्तन देखें।

 

विचार एक शक्ति

विचारों की शक्ति सचमुच अद्भुत है। इतना जानते हुए भी हम अपने विचारों की शक्ति को सही तरीके से उपयोग नहीं करते। बचपन में माता-पिता से लेकर विद्यालय तक हम पढ़ना लिखना सीखते हैं, समझ विकसित करते हैं किंतु यह कोई नहीं सिखाता कि कैसे सोचना है। सुनने में बड़ा अजीब लगता है किंतु हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण परिणाम हमें अपने विचारों की शक्ति से ही मिलते हैं। हम आज जो हैं, वह अपने पिछले किए हुए कार्यों के कारण है और वह कार्य हमारी विचार शक्ति के कारण ही उत्पन्न हुए। हमारे विचारों की ताकत ही हमें किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करती है। हर सुंदर और अद्भुत चीज के पीछे एक सुंदर विचार ही होता है और जब वह विचार क्रियान्वित होता है तो उसकी शोभा देखते ही बनती है। हर कलाकार की सबसे नायाब कृति वह होती है जिसमें वह अपने विचारों की संपूर्ण सुंदरता झोंक देता है तभी एक अपूर्व रचना जन्म लेती है। अतः अपने विचारों की शक्ति को जाने, समझे और पहचाने।


 

सोमवार, 3 मई 2021

जीवन की महिमा

आज हर इंसान जीवन में खुशी चाहता है और इस खुशी की खोज में वह तरह-तरह के तरीके अपनाता है। चाहे वह सैर सपाटा हो,अच्छा भोजन हो, अच्छा पहनावा हो या फिर कोई अन्य मनोरंजन का साधन। अंततः जो भी मनुष्य करता है वह उसमें खुशी और आनंद  ही ढूंढता है लेकिन जीवन वास्तव में क्या है। जीवन की कई परिभाषाएं दी गई हैं किंतु सबसे सरलतम रूप में जीवन छोटी-छोटी खुशियों को पिरो कर बनाई हुई एक माला है । 
 बड़ी बड़ी उपलब्धियों की तलाश में हम छोटे-छोटे सुंदर किंतु शक्तिशाली क्षणों को यूं ही गवा देते हैं और फिर जीवन भर खुशियों की तलाश में भटकते हैं। इन छोटे-छोटे वर्तमान के क्षणों में जो खुशी छिपी है वह वास्तव में अमूल्य है।देखा जाए तो जीवन का हर क्षण शक्तिशाली है और आनंद से भरा है किंतु आवश्यकता इसकी है कि हम उस की महिमा को पहचाने एवं उसे जी भर कर जिए।

रिश्ते

आज हर दूसरे घर में रिश्तो में तनाव है, जैसे अनकही रेखाएं खिंच गई हैं एक दूसरे के बीच में। कारण है आदतों में, संस्कारों में टकराव और उनके बीच का अंतर। घटी हुई सहनशीलता एवं अनादर यह संभव ही नहीं होने देता कि एक दूसरे के स्वभाव और आदतों को समझ कर धैर्य धारण करें एवं एक दूसरे को तालमेल बैठाने के लिए समय दे। 

इसका परिणाम यह होता है कि रिश्तो का यह टकराव जल्दी ही अलगाव के रूप में बदल जाता है। स्वतंत्रता के मायने आज पूर्ण रूप से अलग रहना है। वास्तव में एक अच्छे तालमेल के लिए दोनों पक्षों का सहनशील एवं सामंजस्य पूर्ण होना जरूरी है तभी रिश्तो की खोई हुई महक वापस आती है इसलिए लकीरें मत खींचे उन्हें मिटाने का काम करें।


 

सुविचार की ताकत

सुविचार,शुभ संकल्प,श्रेष्ठ विचार आदि नामों से हम परिचित हैं और कदाचित उसकी शक्ति से भी। अपने माता पिता एवं गुरुजनों से एवं बड़े बूढ़ों से हमें सुनते आए हैं कि नियमित सत्संग और अच्छे विचारों को अपनी सोच और अपने जीवन में भरते रहना चाहिए। यह सुविचार ही आगे के जीवन में हमारे लिए एक रक्षा कवच का काम करते हैं। 
चाहे विपत्ति कैसी भी क्यों ना हो यह श्रेष्ठ संकल्प ही हमारा उत्तम आत्मबल बन के सामने आते हैं और इनमें इतनी शक्ति होती है कि हम हर मुसीबत का सामना साहस के साथ कर पाते हैं। अतः विचारों की शक्ति को कम ना समझे और एक सुविचार की खुराक नियमित रूप से अपने मन को दें और फिर चमत्कार देखें।

 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...