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शनिवार, 21 नवंबर 2020

ज्ञान एक खज़ाना

हर ज्ञानी का पतन एक दिन उसके अहंकार के कारण ही हुआ है। इतिहास गवाह है कि जिसने अपने ज्ञान को संभाल कर नहीं रखा, उसे समय के साथ तराशा नहीं एवं उसके महत्व को नहीं जाना, उसे समय ने भुला दिया। जितने महान व्यक्तित्व इस दुनिया में हुए हैं उन सभी ने आजीवन एक विद्यार्थी बनकर अपने ज्ञान को नई ऊंचाई दी है।

ज्ञान की तलवार तब और भी धारदार एवं शक्तिशाली हो जाती है जब उसमें आजमाने और चुनौतियों का सामना करने का दम भर जाता है। अतः अपने आप को निरंतर चुनौती देते रहने से आपका ज्ञान कमल की तरह खिलकर चारों और अपना सौंदर्य बिखेरता है, इसे सदैव याद रखें।


 

लगन की महिमा



 

लगन मतलब किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय एवं उसमें अपने आत्मबल का स्पर्श। यह बात किसी को भी बताने की जरूरत नहीं कि जो भी महान सफल व्यक्ति इस दुनिया में हुए हैं उनमें लगन का अतिशय भंडार था। उनके  जीवन में मुसीबतों के अनेक पहाड़ टूटे, अनेक विषम परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा किंतु वह अपने लक्ष्य से नहीं डिगे।

 हम सब यह जानते हैं किंतु कहीं ना कहीं हममें आत्मबल की कमी होती है जिससे हम अपने लक्ष्यों को छोड़ देते हैं या रास्ता ही बदल देते हैं पर जिसमें लगन हो वह हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के बाद भी अपने लक्ष्य को नहीं भूलता और उसे पाकर ही रहता है। सच ही है सच्ची लगन मुसीबतों को देखती ही नहीं, केवल अपने लक्ष्य को देखती है।


गुरुवार, 19 नवंबर 2020

परिश्रम

कहावत है परिश्रमी पर लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं। यह कहावत उन पर बिल्कुल सटीक बैठती है जो अपने कर्मों से अपने भाग्य की लकीरों को बदल देते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा होता है अपने आप पर और अपने कर्मों पर। जो जीवन भर दूसरों की छाया में चुप कर रहना चाहते हैं, दूसरों के आश्रय में जीवन बिताना चाहते हैं वह कभी भी स्वयं की परछाई नहीं देख पाते।

स्वयं की मेहनत से पसीना बहा कर पाया हुआ धन एवं साधन अद्भुत संतोष देते हैं लेकिन उसके लिए धूप में भी पकना पड़ता है, संघर्षों का सामना करना होता है। मेहनत की रोटी में जो सुख है वह दूसरों से प्राप्त धन और सुंदर व्यंजनों में भी नहीं है। मेहनत से कमाने में धूप की चुभन है, कभी दर्द भी है किंतु अंत में सुखद संतोष एवं शांति है।


 

शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

आत्मबल

किसी भी कार्य में श्रेय लूटना जैसे आज इस युग की परिपाटी सी है। जितना ध्यान व्यक्ति कार्य की उत्कृष्टता पर नहीं देता उतना वह इस पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे वह उस कार्य का श्रेय लूट सके। जिससे वह व्यक्ति सबसे अधिक निराश होता है जिसने वास्तव में उस कार्य को अंजाम दिया है किंतु दूसरों के द्वारा उसका श्रेय ले लेने से उसकी प्रेरणा एवं प्रोत्साहन कम होता है।

ऐसा भी समय आता है जब एक उत्कृष्ट कार्य करने वाला व्यक्ति भी हताशा के वश होकर कार्य करना ही छोड़ देता है किंतु अपने आप पर भरोसा रखना और अपना कार्य जारी रखना इस मुश्किल क्षण में सबसे बड़ी परीक्षा है। ऐसे समय में जिसने अपने आत्मबल की शक्ति को बनाए रखा वह जग जीत सकता है।


 

बुधवार, 7 अक्टूबर 2020

परिश्रम का महत्व

 

 

आज का समय सुविधा और साधनों का हैआज से पहले तक मनुष्य के पास इतनी सुविधाएं कभी भी नहीं थी किंतु आज से पहले मानसिक तनाव भी इतना कभी नहीं थाआज मनुष्य सब कुछ पाना चाहता है किंतु भौतिकता के मकड़जाल में उलझकर सुविधा से युक्त तो हो जाता है किंतु मानसिक रूप से रिक्त हो जाता है, अंदर की भरपूरता कहीं समाप्त हो जाती है।

वास्तव में जीवन से संघर्ष की समाप्ति, अंदर जीवन जीने की इच्छा को समाप्त करता है क्योंकि बिना कुछ किए सब कुछ पा जाने से जैसे जीवन का रंग ही खत्म हो जाता है, उसकी महक तो वास्तव में कड़े परिश्रम से प्राप्त होने वाले फल में ही है। अतः जीवन में थोड़ा रंग संघर्ष और कठिनाइयों का भी भरना चाहिए तभी जीवन का कैनवास रंग बिरंगा होगा।

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...