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मंगलवार, 6 जुलाई 2021

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा रहे हैं। जीवन में कहीं कुछ बिखरा हुआ सा है और खुशी कहीं गायब सी है। सोशल मीडिया जैसे अनेक साधन तो हैं किंतु आमने सामने का संवाद और उसका महत्व अलग ही होता है। संगी साथियों के साथ ठिठोली मस्ती एवं साथ साथ किया हुआ भोजन एक अलग ही आनंद देता है। 

सामूहिक एवं धार्मिक आयोजन जीवन में नए रंग भरते हैं। त्योहारों पर मिलना जुलना खुशी को एक नए स्तर पर ले जाता है। ऐसे में यह और भी अधिक जरूरी हो जाता है कि खुशी का संचार लोगों में कैसे किया जाए? वास्तव में खुशी बाहर नहीं अंदर ही है लेकिन वह सबसे महान व्यक्ति है जो लोगों के जीवन में खुशी का संचार करता है। वास्तव में खुशी के दान से अधिक और कोई बड़ा दान नहीं है।


 

अच्छे विचार

अच्छे विचारों का महत्व कौन नहीं जानता? विचार अगर अच्छे हो तो एक व्यक्ति से लेकर वह समाज एवं राष्ट्र का नक्शा ही बदल देते हैं, इतनी ताकत होती है उनमें किंतु अगर विचार दूषित हो तो वह व्यक्ति से लेकर परिवार और समाज के पतन का भी कारण बनते हैं। विचारों की शक्ति से ही इतिहास में बड़े-बड़े कार्य संपन्न हुए हैं और वास्तव में हर व्यक्ति की आत्म शक्ति का स्रोत भी यही है।

पर जैसे ज्ञान को ना बांटो तो वह खत्म हो जाता है वैसे ही अच्छे विचार अगर साझा नहीं किए जाएं तो वह गायब ही हो जाते हैं, उनकी शक्ति क्षीण हो जाती है। अच्छे विचारों की भी अपनी तरंगे होती हैं जो साझा करने पर दूर दूर तक जाती हैं अत: अच्छे विचारों को जितना हो सके फैलाएं एवं जीवन भर की प्रसन्नता उपहार में ले ।

 

आंतरिक संवाद

हमारे जीवन का अधिकतर समय दूसरों के साथ संपर्क साधने में एवं उनसे लोक व्यवहार करने में जाता है। दिनभर की गतिविधियों में भी हम अधिक से अधिक समय दूसरों के साथ बिताते हैं एवं वह कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता। बहुत कम ही लोग होते हैं जो यह महसूस करते हैं कि कुछ समय उन्हें स्वयं के साथ भी बिताना चाहिए और उसके लिए व्यवस्थित रूप से थोड़ा समय नियम से निकालना चाहिए।
 दुनिया की इस भाग दौड़ में अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है, यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए आवश्यक है। जैसे खुद से संवाद स्वयं को आईना दिखाता है वैसे ही खुद के साथ बिताया हुआ समय जैसे हम हमें नई ऊर्जा का संचार करता है और नई रचनात्मकता को जन्म देता है। तो आज से ही हमें नियमित तौर पर अपने लिए थोड़ा सा समय निकालना होगा।

 

सोमवार, 10 मई 2021

रिश्ते

 

आज पूरी दुनिया अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा आतंकित है तो वह है रिश्तो की उलझन, संस्कारों का टकराव। आज लोगों के पास सुख साधन तो है ,धन भी भरपूर है पहले से अधिक संपन्नता है किंतु वह अंदर से कहीं टूटा हुआ है। कहीं ना कहीं उसे परिवार का सुख नहीं है। आत्मीयता तो अब याद करने से भी याद नहीं आती. जब पड़ोसी ही परिवार वालों की जगह ले लेते थे और अच्छे बुरे सभी वक्त की सच्चे साथी होते थे।
घरों के अंदर भी वातावरण में बड़ी ही नकारात्मकता है जिससे एक साथ रहते हुए भी सब अलग-अलग कमरों में बंद रहते हैं एवं अपने अहंकार को पोषित करते हैं। अगर रिश्तो को संभालने की कोई चाबी है तो वह है केवल प्यार और प्यार। प्यार के साथ हालांकि अनुशासन का होना भी आवश्यक है ,साथ ही परिवार जनों के साथ एक मर्यादित व्यवहार भी जरूरी है। यह समझकर की हर एक सदस्य अपने आप में एक अलग रुचि और व्यक्तित्व रखता है, अगर इस प्रकार समझदारी से रिश्तो में प्रेम के रंग भरे जाएं तो यह बिखरे हुए परिवार फिर से पुनर्जीवित हो जाएंगे।


संगत का प्रभाव

अच्छे लोगों  की संगत जीवन में एक ऐसा चुनाव होता है जो जीवन को सुंदर भी बना सकता है एवं बिगाड़ भी सकता है। जीवन में जिन्हें सफलता के नए आयामो को रचना हो, कुछ करके दिखाना हो, उन्हें अपने मित्रों के चुनाव पर बहुत ध्यान देना चाहिए। एक अच्छा साथ, एक अच्छा मित्र एवं मार्गदर्शक आपका जीवन बदल सकता है। एक अच्छा साथ ना केवल हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित करता है बल्कि बुरे समय में वह एक बहुत ही मजबूत सहारा बनकर उभरता है। अच्छे मित्र के प्रभाव से हमारे निर्णय भी सटीक होते हैं एवं जीवन में उल्लास बना रहता है।
गलत संगत जीवन में बड़े ही खराब परिणाम ला सकती है। हाथ में आती हुई सफलता भी फिसल सकती है एवं व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ सकता है। अच्छे लोगों की संगत चुनना भी बहुत बुद्धिमानी का काम होता है। वह ऐसे ही है कि हंस दानों में से मोती चुन लेता है। अच्छी संगत करें और स्वयं के जीवन में परिवर्तन देखें।

 

विचार एक शक्ति

विचारों की शक्ति सचमुच अद्भुत है। इतना जानते हुए भी हम अपने विचारों की शक्ति को सही तरीके से उपयोग नहीं करते। बचपन में माता-पिता से लेकर विद्यालय तक हम पढ़ना लिखना सीखते हैं, समझ विकसित करते हैं किंतु यह कोई नहीं सिखाता कि कैसे सोचना है। सुनने में बड़ा अजीब लगता है किंतु हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण परिणाम हमें अपने विचारों की शक्ति से ही मिलते हैं। हम आज जो हैं, वह अपने पिछले किए हुए कार्यों के कारण है और वह कार्य हमारी विचार शक्ति के कारण ही उत्पन्न हुए। हमारे विचारों की ताकत ही हमें किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रेरित करती है। हर सुंदर और अद्भुत चीज के पीछे एक सुंदर विचार ही होता है और जब वह विचार क्रियान्वित होता है तो उसकी शोभा देखते ही बनती है। हर कलाकार की सबसे नायाब कृति वह होती है जिसमें वह अपने विचारों की संपूर्ण सुंदरता झोंक देता है तभी एक अपूर्व रचना जन्म लेती है। अतः अपने विचारों की शक्ति को जाने, समझे और पहचाने।


 

सोमवार, 3 मई 2021

जीवन की महिमा

आज हर इंसान जीवन में खुशी चाहता है और इस खुशी की खोज में वह तरह-तरह के तरीके अपनाता है। चाहे वह सैर सपाटा हो,अच्छा भोजन हो, अच्छा पहनावा हो या फिर कोई अन्य मनोरंजन का साधन। अंततः जो भी मनुष्य करता है वह उसमें खुशी और आनंद  ही ढूंढता है लेकिन जीवन वास्तव में क्या है। जीवन की कई परिभाषाएं दी गई हैं किंतु सबसे सरलतम रूप में जीवन छोटी-छोटी खुशियों को पिरो कर बनाई हुई एक माला है । 
 बड़ी बड़ी उपलब्धियों की तलाश में हम छोटे-छोटे सुंदर किंतु शक्तिशाली क्षणों को यूं ही गवा देते हैं और फिर जीवन भर खुशियों की तलाश में भटकते हैं। इन छोटे-छोटे वर्तमान के क्षणों में जो खुशी छिपी है वह वास्तव में अमूल्य है।देखा जाए तो जीवन का हर क्षण शक्तिशाली है और आनंद से भरा है किंतु आवश्यकता इसकी है कि हम उस की महिमा को पहचाने एवं उसे जी भर कर जिए।

रिश्ते

आज हर दूसरे घर में रिश्तो में तनाव है, जैसे अनकही रेखाएं खिंच गई हैं एक दूसरे के बीच में। कारण है आदतों में, संस्कारों में टकराव और उनके बीच का अंतर। घटी हुई सहनशीलता एवं अनादर यह संभव ही नहीं होने देता कि एक दूसरे के स्वभाव और आदतों को समझ कर धैर्य धारण करें एवं एक दूसरे को तालमेल बैठाने के लिए समय दे। 

इसका परिणाम यह होता है कि रिश्तो का यह टकराव जल्दी ही अलगाव के रूप में बदल जाता है। स्वतंत्रता के मायने आज पूर्ण रूप से अलग रहना है। वास्तव में एक अच्छे तालमेल के लिए दोनों पक्षों का सहनशील एवं सामंजस्य पूर्ण होना जरूरी है तभी रिश्तो की खोई हुई महक वापस आती है इसलिए लकीरें मत खींचे उन्हें मिटाने का काम करें।


 

सुविचार की ताकत

सुविचार,शुभ संकल्प,श्रेष्ठ विचार आदि नामों से हम परिचित हैं और कदाचित उसकी शक्ति से भी। अपने माता पिता एवं गुरुजनों से एवं बड़े बूढ़ों से हमें सुनते आए हैं कि नियमित सत्संग और अच्छे विचारों को अपनी सोच और अपने जीवन में भरते रहना चाहिए। यह सुविचार ही आगे के जीवन में हमारे लिए एक रक्षा कवच का काम करते हैं। 
चाहे विपत्ति कैसी भी क्यों ना हो यह श्रेष्ठ संकल्प ही हमारा उत्तम आत्मबल बन के सामने आते हैं और इनमें इतनी शक्ति होती है कि हम हर मुसीबत का सामना साहस के साथ कर पाते हैं। अतः विचारों की शक्ति को कम ना समझे और एक सुविचार की खुराक नियमित रूप से अपने मन को दें और फिर चमत्कार देखें।

 

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

विश्वास

विश्वास एक महाशक्ति है और वर्तमान स्थिति में इस शक्ति का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। कई ऐसे उदाहरण है जहां इतिहास में और वर्तमान काल में भी लोगों ने अविश्वसनीय परिस्थितियों को भी केवल विश्वास के सहारे हराया और विजय प्राप्त की। विश्वास के बल पर ही अध्यात्म और धर्म भी कार्य करते हैं। विश्वास एक पंगु को भी पर्वत चढ़ा देता है और सूखे में भी पानी उत्पन्न कर देता है। जीवन में  कुछ भी सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं तो पहले विश्वास के बीज अपने अंतर्मन में  बोने होंगे। 
जब विश्वास की शक्ति पक्की हो आगे की यात्रा तो परमात्मा के सहारे ही पूर्ण हो जाती है। परिस्थितियों पर विजय भी निश्चित ही होती है। अतः विश्वास को अपना सदा काल का साथी बनाएं और फिर देखें कैसे आश्चर्यजनक परिवर्तन होते हैं। जब तक विश्वास का बीज अंदर गहरे में नहीं बोया जाएगा तब तक सफलता के अंकुर दिखाई नहीं देंगे।

 

विपत्ति में मुस्कान

विपत्ति कभी पूछ कर नहीं आती। आज दुनिया भयंकर विनाश और अग्नि परीक्षा की स्थिति में है। हर तरफ भय और नकारात्मकता का वातावरण है। ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी जिस व्यक्ति में इतनी शक्ति हो कि वह सकारात्मक रह सके और औरों में भी ऊर्जा भर सके वास्तव में वही सबसे बड़ा साहसी है। सकारात्मकता की यह शक्ति ही बड़े जतन से आती है। यह लंबे काल के अभ्यास और तपस्या के बाद आती है ।
 तपस्या वह नहीं जो गुफाओं के अंदर रहकर की जाए किंतु अपने विचारों को साध कर एवं  मेहनत करके सकारात्मकता की शक्ति को अपने अंदर भरा जा सकता है। यही इकट्ठी की हुई शक्ति विनाश काल में काम आती है। यही पुरुषार्थ और साहस का आधार बनती है। वही व्यक्ति विपत्ति में मुस्कुरा सकता है जिसमें इतनी शक्ति हो और विपत्ति में खिला हुआ चेहरा औरों के लिए भी महान प्रेरणादायक होता है।

 

सरलता

सरल हृदय की सुंदरता की कई मिसाले दी गई हैं। सरल हृदय जैसे एक हीरे के समान है जो सदा प्रकाशमान होता है।सरलता का अपना एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें जो भी आता है वह उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाता। एक सरल हृदय व्यक्ति ना केवल अपने जीवन को खुशनुमा बनाता है बल्कि दूसरों के जीवन में भी सुंदर परिवर्तन लाता है। 
अपने प्रकाश से वह दूसरो के अंधकारमय जीवन को भी दीप्त करता है। सरलता की गरिमा और उसकी महिमा दोनों ही अपार है। जिसमें सरलता है उसमें आडंबर और दिखावे की कोई संभावना नहीं होती जिससे उससे निकलने वाले शब्द सहज ही सच्चे होते हैं और उन में शक्ति होती है। वह सीधे लोगों के दिलों में उतरते हैं और एक प्रभाव क्षेत्र छोड़ते हैं अतः सरलता की जितनी महिमा की जाए वह कम है। 

 

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

विचारों की संजीदगी

जब किसी नदी या सागर की गहराई में जाते हैं तब प्रवाह धीरे-धीरे शांत हो जाता है ,ऊपर की हलचल समाप्त हो जाती है। अचानक ही ऊपर के सारे तनाव, सारी हलचल ,शांति और गंभीरता में परिवर्तित हो जाती है। बिल्कुल वैसे ही हमारे विचारों की गंभीरता अंतर्मन की गहराई में और भी अधिक गहरी हो जाती है और उन में स्थायित्व आ जाता है। अतः कभी-कभी मौन और ध्यान के माध्यम से उन विचारों को टटोलना और गहराई में उतरना भी अति आवश्यक है। अगर सतह की लहरों में ही उलझे रहेंगे तो जीवन का उद्देश्य कभी नहीं मिल पाएगा।
आज ज्यादा से ज्यादा लोग ऊपरी दिखावे और आडंबर में उलझे हुए हैं। कोई भी आत्म निरीक्षण करके अंदर गहराई में उतरने को तैयार नहीं है ,खुद से यह प्रश्न पूछने के लिए तैयार नहीं है कि उसका वास्तविक जीवन उद्देश्य क्या है। यह निश्चित रूप से सत्य है कि अपने जीवन की सच्चाई और उसका उद्देश्य केवल अंतर्मन से संवाद करके ही मिलता है।



 

वाणी का प्रभाव

बहुत से लोग बहुत अधिक बोलने के आदी होते हैं। परिणाम यह होता है कि लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और ना ही उन्हें सुनना पसंद करते हैं। साथ ही साथ शब्दों की शक्ति और मानसिक शक्ति का जो व्यय होता है वह अलग।

अतः अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बनाना हो तो सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपकी बात का वजन हो । बात को प्रभावी बनाने के लिए यह जरूरी है कि आपकी बात की गहराई ज्यादा हो ना लंबाई। अक्सर लंबी बातें अपने उद्देश्य से भटक जाती हैं और अपना महत्व खो देती हैं अतः कम बोले, सार्थक बोले।


 

बुधवार, 24 मार्च 2021

सहयोग की शक्ति

 

सहयोग की शक्ति एक बहुत ही प्रभावशाली एवं महान शक्ति है। बचपन में परिवार से लेकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में इसी का योगदान है। शायद आज इसका महत्व थोड़ा नजरअंदाज हो रहा है क्योंकि समाज इस समय थोड़ा सिकुड़ा हुआ और परिवार भी अपने में सिमटे हुए हैं।सहयोग जीवन में जादू की तरह काम करता है।

यह किसी भी रूप में हो सकता है - चाहे वह मित्र का सहयोग हो, परिवार का सहयोग हो, या हमारे आसपास हमारे परिचितों या पड़ोसियों का हो। जीवन का सिद्धांत है जिस और हमारी चेतना और हमारा ध्यान केंद्रित होता है वह हमें मिलता है। तो सहयोग की शक्ति को पहचाने एवं उसे अपने जीवन का अंग बनाएं।


सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

खुद से दोस्ती

कहते हैं सबसे संतुलित व्यक्ति वहां होता है जो अपने आप में आंतरिक रुप से संचालित होता है। जिसने स्वयं से दोस्ती कर रखी हो और जो स्वयं अपने आप से तालमेल में हो, वह बाहर भी जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित एवं सशक्त होता है। अगर अंदर शांति है, स्थिरता है, तो वह बाहर भी छलकेगी। अंदर का तेज जब बाहर आता है तो प्रकाश बनकर चारों और फैलता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।

वास्तव में हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत पल वह होते हैं जो हम स्वयं के साथ बिताते हैं, जब हम स्वयं को टटोलते हैं, स्वयं को समझते हैं और स्वयं को निखारते हैं। जिसने अपने आप को जितना अधिक जाना और तराशा उसकी आभा पूरे जगत में उतनी ही विस्तृत हुई।


 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...