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बुधवार, 28 अप्रैल 2021

विपत्ति में मुस्कान

विपत्ति कभी पूछ कर नहीं आती। आज दुनिया भयंकर विनाश और अग्नि परीक्षा की स्थिति में है। हर तरफ भय और नकारात्मकता का वातावरण है। ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी जिस व्यक्ति में इतनी शक्ति हो कि वह सकारात्मक रह सके और औरों में भी ऊर्जा भर सके वास्तव में वही सबसे बड़ा साहसी है। सकारात्मकता की यह शक्ति ही बड़े जतन से आती है। यह लंबे काल के अभ्यास और तपस्या के बाद आती है ।
 तपस्या वह नहीं जो गुफाओं के अंदर रहकर की जाए किंतु अपने विचारों को साध कर एवं  मेहनत करके सकारात्मकता की शक्ति को अपने अंदर भरा जा सकता है। यही इकट्ठी की हुई शक्ति विनाश काल में काम आती है। यही पुरुषार्थ और साहस का आधार बनती है। वही व्यक्ति विपत्ति में मुस्कुरा सकता है जिसमें इतनी शक्ति हो और विपत्ति में खिला हुआ चेहरा औरों के लिए भी महान प्रेरणादायक होता है।

 

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

आत्ममंथन

कहावत है आईना कभी झूठ नहीं बोलता और इसीलिए अधिकांश व्यक्ति स्वयं का स्वयं से सामना करने में झिझकते हैं,डरते हैं। वास्तव में दुनिया में सबसे कठिन कार्य खुद का सामना करना ही है। जो स्वयं का सामना कर सकता है, अपनी ही बुराइयों का शमन कर सकता है, वह जग जीत सकता है। अपनी कमजोरियों को जीतना मतलब जग को जीतने की तैयारी करना।

अधिकांश व्यक्ति इससे अनभिज्ञ रहते हैं एवं जीवन भर भी दूसरों की बुराई और दुर्गुणों को देखने में बिताते हैं। तो आज से आत्ममंथन को अपने जीवन का एक अभिन्न अंग मानकर उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें फिर देखें अपने में बदलाव।


 

सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

आत्मबल

आपका आत्मबल वह अनोखा गुण है जो परमात्मा ने एक रत्न की तरह तराशकर हर व्यक्ति में डाला है। विषम परिस्थितियों में जब हर ओर अंधेरा ही अंधेरा दिखाई देता है तब कहीं से उम्मीद की एक रोशनी का साक्षात्कार होता है जो कहीं और से नहीं हमारे अंदर से ही अवतरित होती है। आत्मिक साहस वह महान गुण हैं जिसे परमात्मा ने सभी में पूरे मन से भरा है।

ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब असंभव की दिखती हुई परिस्थितियों में कई अनोखे कार्य हुए हैं जो और किसी बल पर नहीं बल्कि आत्म बल के भरोसे हुए हैं । वास्तव में वही बलवान है जिसने आत्मबल का महान भंडार अपने अंदर सुरक्षित रखा है। यह वह धन है जो आपसे कोई चोर नहीं चोरी कर सकता ना कोई आपसे छीन सकता है। इसे बनाए रखें, यही हर स्थिति में आपका परम मित्र है।



 

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

साहस

आज के इस तनाव भरे समय में हर कोई अपना आत्म बल जैसे खोने लगा है एवं मानसिक शांति के लिए भटक रहा है। आज व्यक्ति के पास धन – संपदा, पद ,प्रतिष्ठा सभी कुछ है और आज से अधिक विलासिता एवं वैभव पहले मनुष्य के पास नहीं था। साधनों की कोई कमी नहीं होते हुए भी आज मनुष्य सबसे अधिक खाली हैं, अंतर्मन से हारा हुआ है अतः ऐसे समय में उस व्यक्ति का मूल्य तो सबसे अधिक हो जाता है जो मानव के मन में साहस एवं आत्मबल का संचार करें।

वास्तव में मानव के हृदय में सकारात्मकता का प्रकाश फैलाना एवं मन से हारे हुए व्यक्ति को उठ के खड़े होने के लिए प्रेरित करना सबसे बड़ा महान कार्य है। आज व्यक्ति को भौतिक साधनों से अधिक मानसिक शक्ति एवं आत्मबल की आवश्यकता है। जो यह कर सके वह परमात्मा का सच्चा बच्चा है।



 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...