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रविवार, 20 सितंबर 2020

वाणी की शक्ति

हमारी जीभ को ईश्वर से एक अद्भुत वरदान मिला है- वाणी का। वाणी की शक्ति अपने आप में ऐसी अनुपम शक्ति है जिसकी ऊर्जा से समय-समय पर पूरा संसार आंदोलित हुआ है। कभी यह वाणी सिद्ध पुरुषों की थी तो कभी यह कालजयी रचनाकारों की,कभी कवियों की, तो कभी विश्व प्रसिद्ध नायकों की जिन्होंने अपनी सफल नेतृत्व से एक राष्ट्र का भाग्य बदल दिया। अब तो वाणी की शक्ति का परिचय आपको हो ही गया होगा। पर वास्तव में हममें से अधिकांश लोग इसी शक्ति का बिना जो सोचे समझे सबसे अधिक दुरुपयोग करते हैं। 
मुंह से निकले हुए शब्द किसी के भाग्य का निर्माण भी कर सकते हैं तो किसी के भाग्य के सितारे को सदा के लिए अस्त भी कर सकते हैं। इनमें निहित ऊर्जा को बहुत सोच समझकर उपयोग करना चाहिए। व्यर्थ बोलने से ना केवल शारीरिक शक्ति खर्च होती है किंतु मानसिक शक्तियों का भंडार भी  खाली होता है। तो जब भी बोले - समय देखकर,सोच समझ कर बोलें।


 

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