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सोमवार, 3 मई 2021

जीवन की महिमा

आज हर इंसान जीवन में खुशी चाहता है और इस खुशी की खोज में वह तरह-तरह के तरीके अपनाता है। चाहे वह सैर सपाटा हो,अच्छा भोजन हो, अच्छा पहनावा हो या फिर कोई अन्य मनोरंजन का साधन। अंततः जो भी मनुष्य करता है वह उसमें खुशी और आनंद  ही ढूंढता है लेकिन जीवन वास्तव में क्या है। जीवन की कई परिभाषाएं दी गई हैं किंतु सबसे सरलतम रूप में जीवन छोटी-छोटी खुशियों को पिरो कर बनाई हुई एक माला है । 
 बड़ी बड़ी उपलब्धियों की तलाश में हम छोटे-छोटे सुंदर किंतु शक्तिशाली क्षणों को यूं ही गवा देते हैं और फिर जीवन भर खुशियों की तलाश में भटकते हैं। इन छोटे-छोटे वर्तमान के क्षणों में जो खुशी छिपी है वह वास्तव में अमूल्य है।देखा जाए तो जीवन का हर क्षण शक्तिशाली है और आनंद से भरा है किंतु आवश्यकता इसकी है कि हम उस की महिमा को पहचाने एवं उसे जी भर कर जिए।

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

विपत्ति में मुस्कान

विपत्ति कभी पूछ कर नहीं आती। आज दुनिया भयंकर विनाश और अग्नि परीक्षा की स्थिति में है। हर तरफ भय और नकारात्मकता का वातावरण है। ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी जिस व्यक्ति में इतनी शक्ति हो कि वह सकारात्मक रह सके और औरों में भी ऊर्जा भर सके वास्तव में वही सबसे बड़ा साहसी है। सकारात्मकता की यह शक्ति ही बड़े जतन से आती है। यह लंबे काल के अभ्यास और तपस्या के बाद आती है ।
 तपस्या वह नहीं जो गुफाओं के अंदर रहकर की जाए किंतु अपने विचारों को साध कर एवं  मेहनत करके सकारात्मकता की शक्ति को अपने अंदर भरा जा सकता है। यही इकट्ठी की हुई शक्ति विनाश काल में काम आती है। यही पुरुषार्थ और साहस का आधार बनती है। वही व्यक्ति विपत्ति में मुस्कुरा सकता है जिसमें इतनी शक्ति हो और विपत्ति में खिला हुआ चेहरा औरों के लिए भी महान प्रेरणादायक होता है।

 

शनिवार, 21 नवंबर 2020

लगन की महिमा



 

लगन मतलब किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय एवं उसमें अपने आत्मबल का स्पर्श। यह बात किसी को भी बताने की जरूरत नहीं कि जो भी महान सफल व्यक्ति इस दुनिया में हुए हैं उनमें लगन का अतिशय भंडार था। उनके  जीवन में मुसीबतों के अनेक पहाड़ टूटे, अनेक विषम परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा किंतु वह अपने लक्ष्य से नहीं डिगे।

 हम सब यह जानते हैं किंतु कहीं ना कहीं हममें आत्मबल की कमी होती है जिससे हम अपने लक्ष्यों को छोड़ देते हैं या रास्ता ही बदल देते हैं पर जिसमें लगन हो वह हर तरह की मुसीबतों का सामना करने के बाद भी अपने लक्ष्य को नहीं भूलता और उसे पाकर ही रहता है। सच ही है सच्ची लगन मुसीबतों को देखती ही नहीं, केवल अपने लक्ष्य को देखती है।


गुरुवार, 19 नवंबर 2020

कुछ करने की प्रेरणा

अक्सर असफल होने पर अधिकांश व्यक्ति सही अवसरों के नहीं होने या उचित सुविधाओं के नहीं होने को कारणों में गिनाते हैं। यह कारण बहुत हद तक सही भी होते हैं किंतु देखा गया है कि विषम से विषम परिस्थितियों में विजय प्राप्त करने वाले अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करते बल्कि अवसरों को उत्पन्न करते हैं। अपनी दक्षता के बल पर वे हर परिस्थिति को हराते हुए विजय पथ पर अग्रसर होते हैं। तो इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि केवल अवसर का ना होना कोई कारण नहीं वास्तव में हमारे अंदर प्रेरणा एवं आत्म बल की कमी ही असफलता के लिए जिम्मेदार है।

कई बार एक व्यक्ति बड़े जोश से बड़े उत्साह से कोई कार्य शुरू करता है किंतु अक्सर उसी बीच में अधूरा छोड़ देता है। यह हम में से अधिकांश लोगों की समस्या है। इसका मुख्य कारण है सतत प्रेरणा का ना होना एवं आत्म बल की कमी होना। अगर सही प्रेरणा और कुछ पाने की आग निरंतर बनी रहे तो सफलता निश्चित है।


 

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

आत्मबल

किसी भी कार्य में श्रेय लूटना जैसे आज इस युग की परिपाटी सी है। जितना ध्यान व्यक्ति कार्य की उत्कृष्टता पर नहीं देता उतना वह इस पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे वह उस कार्य का श्रेय लूट सके। जिससे वह व्यक्ति सबसे अधिक निराश होता है जिसने वास्तव में उस कार्य को अंजाम दिया है किंतु दूसरों के द्वारा उसका श्रेय ले लेने से उसकी प्रेरणा एवं प्रोत्साहन कम होता है।

ऐसा भी समय आता है जब एक उत्कृष्ट कार्य करने वाला व्यक्ति भी हताशा के वश होकर कार्य करना ही छोड़ देता है किंतु अपने आप पर भरोसा रखना और अपना कार्य जारी रखना इस मुश्किल क्षण में सबसे बड़ी परीक्षा है। ऐसे समय में जिसने अपने आत्मबल की शक्ति को बनाए रखा वह जग जीत सकता है।


 

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

मानवीय साहस

जब भी साहस के धनी एवं अभूतपूर्व कार्य करने वालों की चर्चा होती है तो उन लोगों का नाम जबान पर आता है जिन्होंने मुश्किलों से हार कर कभी पीछे मुड़ना स्वीकार नहीं किया, जिन्होंने अपने सपनों की उड़ान को किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होने दिया, जिन्होंने परिस्थितियों से डरकर कभी हार नहीं मानी। अगर उन्होंने भी सामान्य व्यक्तियों के जैसे विषमताओं से डरकर अपने साहस को खो दिया होता तो शायद आज मानवता की गरिमा को बढ़ाने वाले इतने अविष्कार कभी नहीं होते।

 अगर युग और काल के हाथों से आहत होकर मानवता को चोट पहुंची तो उसे मरहम लगाने वाले भी कई व्यक्ति हुए जिन्होंने इतने दुष्कर कार्य केवल अपने साहस और आत्मबल के बूते पर किए। सच ही तो है - सीमाएं उन्हीं के लिए बनी है जो हारना जानते हैं, जो उड़ान भरने के पहले ही डर कर अपने आप को सीमाओं में बांध लेते हैं।


ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...