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गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020

मानवीय साहस

जब भी साहस के धनी एवं अभूतपूर्व कार्य करने वालों की चर्चा होती है तो उन लोगों का नाम जबान पर आता है जिन्होंने मुश्किलों से हार कर कभी पीछे मुड़ना स्वीकार नहीं किया, जिन्होंने अपने सपनों की उड़ान को किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होने दिया, जिन्होंने परिस्थितियों से डरकर कभी हार नहीं मानी। अगर उन्होंने भी सामान्य व्यक्तियों के जैसे विषमताओं से डरकर अपने साहस को खो दिया होता तो शायद आज मानवता की गरिमा को बढ़ाने वाले इतने अविष्कार कभी नहीं होते।

 अगर युग और काल के हाथों से आहत होकर मानवता को चोट पहुंची तो उसे मरहम लगाने वाले भी कई व्यक्ति हुए जिन्होंने इतने दुष्कर कार्य केवल अपने साहस और आत्मबल के बूते पर किए। सच ही तो है - सीमाएं उन्हीं के लिए बनी है जो हारना जानते हैं, जो उड़ान भरने के पहले ही डर कर अपने आप को सीमाओं में बांध लेते हैं।


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