आपका आत्मबल वह अनोखा गुण है जो
परमात्मा ने एक रत्न की तरह तराशकर हर व्यक्ति में डाला है। विषम परिस्थितियों में
जब हर ओर अंधेरा ही अंधेरा दिखाई देता है तब कहीं से उम्मीद की एक रोशनी का
साक्षात्कार होता है जो कहीं और से नहीं हमारे अंदर से ही अवतरित होती है। आत्मिक
साहस वह महान गुण हैं जिसे परमात्मा ने सभी में पूरे मन से भरा है।
ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब असंभव की दिखती
हुई परिस्थितियों में कई अनोखे कार्य हुए हैं जो और किसी बल पर नहीं बल्कि आत्म बल
के भरोसे हुए हैं । वास्तव में वही बलवान है जिसने आत्मबल का महान भंडार अपने अंदर
सुरक्षित रखा है। यह वह धन है जो आपसे कोई चोर नहीं चोरी कर सकता ना कोई आपसे छीन
सकता है। इसे बनाए रखें, यही हर स्थिति में आपका परम मित्र है।
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