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बुधवार, 28 अप्रैल 2021

विश्वास

विश्वास एक महाशक्ति है और वर्तमान स्थिति में इस शक्ति का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। कई ऐसे उदाहरण है जहां इतिहास में और वर्तमान काल में भी लोगों ने अविश्वसनीय परिस्थितियों को भी केवल विश्वास के सहारे हराया और विजय प्राप्त की। विश्वास के बल पर ही अध्यात्म और धर्म भी कार्य करते हैं। विश्वास एक पंगु को भी पर्वत चढ़ा देता है और सूखे में भी पानी उत्पन्न कर देता है। जीवन में  कुछ भी सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं तो पहले विश्वास के बीज अपने अंतर्मन में  बोने होंगे। 
जब विश्वास की शक्ति पक्की हो आगे की यात्रा तो परमात्मा के सहारे ही पूर्ण हो जाती है। परिस्थितियों पर विजय भी निश्चित ही होती है। अतः विश्वास को अपना सदा काल का साथी बनाएं और फिर देखें कैसे आश्चर्यजनक परिवर्तन होते हैं। जब तक विश्वास का बीज अंदर गहरे में नहीं बोया जाएगा तब तक सफलता के अंकुर दिखाई नहीं देंगे।

 

विपत्ति में मुस्कान

विपत्ति कभी पूछ कर नहीं आती। आज दुनिया भयंकर विनाश और अग्नि परीक्षा की स्थिति में है। हर तरफ भय और नकारात्मकता का वातावरण है। ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी जिस व्यक्ति में इतनी शक्ति हो कि वह सकारात्मक रह सके और औरों में भी ऊर्जा भर सके वास्तव में वही सबसे बड़ा साहसी है। सकारात्मकता की यह शक्ति ही बड़े जतन से आती है। यह लंबे काल के अभ्यास और तपस्या के बाद आती है ।
 तपस्या वह नहीं जो गुफाओं के अंदर रहकर की जाए किंतु अपने विचारों को साध कर एवं  मेहनत करके सकारात्मकता की शक्ति को अपने अंदर भरा जा सकता है। यही इकट्ठी की हुई शक्ति विनाश काल में काम आती है। यही पुरुषार्थ और साहस का आधार बनती है। वही व्यक्ति विपत्ति में मुस्कुरा सकता है जिसमें इतनी शक्ति हो और विपत्ति में खिला हुआ चेहरा औरों के लिए भी महान प्रेरणादायक होता है।

 

सरलता

सरल हृदय की सुंदरता की कई मिसाले दी गई हैं। सरल हृदय जैसे एक हीरे के समान है जो सदा प्रकाशमान होता है।सरलता का अपना एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें जो भी आता है वह उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाता। एक सरल हृदय व्यक्ति ना केवल अपने जीवन को खुशनुमा बनाता है बल्कि दूसरों के जीवन में भी सुंदर परिवर्तन लाता है। 
अपने प्रकाश से वह दूसरो के अंधकारमय जीवन को भी दीप्त करता है। सरलता की गरिमा और उसकी महिमा दोनों ही अपार है। जिसमें सरलता है उसमें आडंबर और दिखावे की कोई संभावना नहीं होती जिससे उससे निकलने वाले शब्द सहज ही सच्चे होते हैं और उन में शक्ति होती है। वह सीधे लोगों के दिलों में उतरते हैं और एक प्रभाव क्षेत्र छोड़ते हैं अतः सरलता की जितनी महिमा की जाए वह कम है। 

 

बुधवार, 21 अप्रैल 2021

विचारों की संजीदगी

जब किसी नदी या सागर की गहराई में जाते हैं तब प्रवाह धीरे-धीरे शांत हो जाता है ,ऊपर की हलचल समाप्त हो जाती है। अचानक ही ऊपर के सारे तनाव, सारी हलचल ,शांति और गंभीरता में परिवर्तित हो जाती है। बिल्कुल वैसे ही हमारे विचारों की गंभीरता अंतर्मन की गहराई में और भी अधिक गहरी हो जाती है और उन में स्थायित्व आ जाता है। अतः कभी-कभी मौन और ध्यान के माध्यम से उन विचारों को टटोलना और गहराई में उतरना भी अति आवश्यक है। अगर सतह की लहरों में ही उलझे रहेंगे तो जीवन का उद्देश्य कभी नहीं मिल पाएगा।
आज ज्यादा से ज्यादा लोग ऊपरी दिखावे और आडंबर में उलझे हुए हैं। कोई भी आत्म निरीक्षण करके अंदर गहराई में उतरने को तैयार नहीं है ,खुद से यह प्रश्न पूछने के लिए तैयार नहीं है कि उसका वास्तविक जीवन उद्देश्य क्या है। यह निश्चित रूप से सत्य है कि अपने जीवन की सच्चाई और उसका उद्देश्य केवल अंतर्मन से संवाद करके ही मिलता है।



 

वाणी का प्रभाव

बहुत से लोग बहुत अधिक बोलने के आदी होते हैं। परिणाम यह होता है कि लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और ना ही उन्हें सुनना पसंद करते हैं। साथ ही साथ शब्दों की शक्ति और मानसिक शक्ति का जो व्यय होता है वह अलग।

अतः अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बनाना हो तो सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपकी बात का वजन हो । बात को प्रभावी बनाने के लिए यह जरूरी है कि आपकी बात की गहराई ज्यादा हो ना लंबाई। अक्सर लंबी बातें अपने उद्देश्य से भटक जाती हैं और अपना महत्व खो देती हैं अतः कम बोले, सार्थक बोले।


 

बुधवार, 24 मार्च 2021

सहयोग की शक्ति

 

सहयोग की शक्ति एक बहुत ही प्रभावशाली एवं महान शक्ति है। बचपन में परिवार से लेकर समाज एवं राष्ट्र निर्माण में इसी का योगदान है। शायद आज इसका महत्व थोड़ा नजरअंदाज हो रहा है क्योंकि समाज इस समय थोड़ा सिकुड़ा हुआ और परिवार भी अपने में सिमटे हुए हैं।सहयोग जीवन में जादू की तरह काम करता है।

यह किसी भी रूप में हो सकता है - चाहे वह मित्र का सहयोग हो, परिवार का सहयोग हो, या हमारे आसपास हमारे परिचितों या पड़ोसियों का हो। जीवन का सिद्धांत है जिस और हमारी चेतना और हमारा ध्यान केंद्रित होता है वह हमें मिलता है। तो सहयोग की शक्ति को पहचाने एवं उसे अपने जीवन का अंग बनाएं।


सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

खुद से दोस्ती

कहते हैं सबसे संतुलित व्यक्ति वहां होता है जो अपने आप में आंतरिक रुप से संचालित होता है। जिसने स्वयं से दोस्ती कर रखी हो और जो स्वयं अपने आप से तालमेल में हो, वह बाहर भी जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित एवं सशक्त होता है। अगर अंदर शांति है, स्थिरता है, तो वह बाहर भी छलकेगी। अंदर का तेज जब बाहर आता है तो प्रकाश बनकर चारों और फैलता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।

वास्तव में हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत पल वह होते हैं जो हम स्वयं के साथ बिताते हैं, जब हम स्वयं को टटोलते हैं, स्वयं को समझते हैं और स्वयं को निखारते हैं। जिसने अपने आप को जितना अधिक जाना और तराशा उसकी आभा पूरे जगत में उतनी ही विस्तृत हुई।


 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...