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सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

खुद से दोस्ती

कहते हैं सबसे संतुलित व्यक्ति वहां होता है जो अपने आप में आंतरिक रुप से संचालित होता है। जिसने स्वयं से दोस्ती कर रखी हो और जो स्वयं अपने आप से तालमेल में हो, वह बाहर भी जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित एवं सशक्त होता है। अगर अंदर शांति है, स्थिरता है, तो वह बाहर भी छलकेगी। अंदर का तेज जब बाहर आता है तो प्रकाश बनकर चारों और फैलता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।

वास्तव में हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत पल वह होते हैं जो हम स्वयं के साथ बिताते हैं, जब हम स्वयं को टटोलते हैं, स्वयं को समझते हैं और स्वयं को निखारते हैं। जिसने अपने आप को जितना अधिक जाना और तराशा उसकी आभा पूरे जगत में उतनी ही विस्तृत हुई।


 

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