आज का समय सुविधा और साधनों का है।आज
से पहले तक मनुष्य के पास इतनी सुविधाएं कभी भी नहीं थी किंतु आज से पहले मानसिक
तनाव भी इतना कभी नहीं था।
आज मनुष्य सब कुछ पाना चाहता है किंतु भौतिकता
के मकड़जाल में उलझकर सुविधा से युक्त तो हो जाता है किंतु मानसिक रूप से रिक्त हो
जाता है, अंदर
की भरपूरता कहीं समाप्त हो जाती है।
वास्तव में जीवन से संघर्ष की समाप्ति, अंदर जीवन जीने
की इच्छा को समाप्त करता है क्योंकि बिना कुछ किए सब कुछ पा जाने से जैसे जीवन का
रंग ही खत्म हो जाता है, उसकी महक तो वास्तव में कड़े परिश्रम से प्राप्त होने वाले फल में ही
है। अतः जीवन में थोड़ा रंग संघर्ष और
कठिनाइयों का भी भरना चाहिए तभी जीवन का कैनवास रंग बिरंगा होगा।
बहुत ही सराहनीय कार्य
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