लोकप्रिय पोस्ट

शनिवार, 7 नवंबर 2020

संवाद का जादू

संवाद जीवन में जादू करने वाला एक सशक्त शब्द है। हर व्यक्ति जानता है कि जीवन में इसका क्या महत्व है। नौकरी में सफलता से लेकर सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन में हर जगह इसका बहुत ऊंचा स्थान है किंतु हर कोई इस कला को नहीं जानता। बात चाहे सामाजिक संबंधों की हो, अपने अधीनस्थों से संबंध की हो या फिर अपने प्रियजनों से संबंधों की हो, हर जगह एक मजबूत संवाद मजबूत डोर का कार्य करता है जो आपस में व्यक्तियों को बांधे रखता है।

संवाद ऐसा हो जिसमें सार तो समाया हुआ ही हो किंतु मधुरता के साथ-साथ स्पष्टता भी हो। यदि स्पष्ट एवं सुंदर संवाद की कला आ गई तो जीवन स्वर्ग सम हो जाता है । हर रिश्ते की पहली नीव है आत्मिक संवाद मतलब दिल से निकले वह सच्चे शब्द जो ना केवल आप को स्पर्श करें किंतु कम शब्दों में सीख भी दे जाएं।


 

सफलता की उड़ान

सफलता आज के समय में कौन नहीं चाहता। आज हर कोई नाम शोहरत और और धन चाहता है। इस सफलता के लिए हर व्यक्ति अपनी ओर से पूरा प्रयास करता है हर तरह की कलाएं और गुण सीखता है, अपने व्यक्तित्व के ऊपर कार्य करता है किंतु जब उसे सफलता मिल जाती है तो वह अपनी जमीन और अपनी मिट्टी से मुंह मोड़ लेता है। वह अपने संघर्ष को तो याद रखता है लेकिन अपने से नीचे जो लोग हैं उनका दमन शुरू कर देता है।

सफलता के नशे में वह यह भूल जाता है कि पक्षी चाहे कितनी भी ऊंची उड़ान क्यों ना भरे अंततः उसे जमीन पर पांव रखना ही है। अपनी जड़ों को छोड़कर कोई भी जीवित नहीं रह सकता। कहीं ना कहीं उसके अंदर अधूरापन रह जाता है इसलिए सदैव संतुलित एवं अनुशासित रहे।


 

भाग्य निर्माण

शब्दों की शक्ति अपार है | विचारों से शब्दों का निर्माण होता है एवं हमारे शब्द ही हमारे कर्मों में उतरकर हमारा भाग्य बनाते हैं। किसी से बात करते समय कैसे शब्द चुनना है यह बहुत समझदारी का विषय है। कई बार केवल शब्दों के प्रयोग से बनती हुई बात बिगड़ जाती है या बिगड़ी हुई बात बन जाती है। साथ ही साथ शब्दों की भी अपनी शक्ति होती है, अपनी तरंगे होती हैं।

शब्दों के प्रयोग के समय केवल वाणी का ही उपयोग नहीं कर रहा होता है किंतु भावों का भी समावेश करना होता है। कई बार वह भाव बिना कहे ही गजब का प्रभाव छोडते हैं। कहते भी हैं दिल से कही गई बात सदैव सफल होती है इसलिए शब्दों का चुनाव सोचकर करें।


 

मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020

चरित्र निर्माण

 बड़ी विचित्र बात है क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब आप किसी से मिल रहे होते हैं तो इससे आपका चरित्र भी प्रगट होता है। वास्तव में हमारे तौर तरीके, हमारा व्यवहार और दूसरों से हमारा मिलने का तरीका हमारे चारित्रिक गुणों और आदतों को ही प्रकट करता है। कितनी गहरी बात है यह किंतु बहुत कम लोग से समझते हैं।

एक पारखी पहली बार में ही व्यक्ति के मिलने के तरीके से उसके चरित्र का बहुत कुछ अनुमान लगा लेता है। चाहे आप कितना ही क्यों ना छुपाए आपका मूल चरित्र आपके व्यवहार से परिलक्षित हो ही जाता है। तो आगे से जब आप किसी से मिले तो ना केवल उसे पारखी नजरों से देखें बल्कि गहराई से अपने व्यवहार पर भी नजर डालें कि वह आप के किन गुणों को प्रकट कर रहा है। 


 

प्रेम एक झलक

प्रेम के ऊपर जितना भी लिखा जाए वह कम है। बड़े बड़े महान कवियों की कलम से प्यार की बड़ी-बड़ी बातें लिखी गई हैं कुछ कविताओं के माध्यम से तो कुछ कहानियों के। प्रेम सदियों से चर्चा का विषय रहा है किंतु सच्चा प्रेम वह है जो स्वार्थ रहित हो । स्वार्थ रहित प्रेम में स्वीकार्यता बहुत अधिक होती है एवं वह सामने वाले व्यक्ति को कमजोर बनाने की वजह और भी ताकतवर बनाता है।

 प्रेम की शक्ति अनंत है। सच्चा प्रेम बुझे हुए मन में भी आशा के दीपक जलाता है और एक प्यासे के लिए वह किसी जल की धारा की समान शीतल एवं तृप्त करने वाला होता है। सदा ध्यान रहे प्रेम कभी भी आपको कमजोर नहीं बल्कि शक्तिशाली एवं आत्म बल से संपन्न बनाता है।


 

आचरण का महत्व

अनेकों व्यक्तियों का स्वभाव बड़ा ही व्यंग्यात्मक होता है। वह किसी से भी सीधे मुंह बात नहीं करते और सदा ही तंज कसते कसते रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों के साथ कोई भी अच्छा और आरामदायक महसूस नहीं करता। वास्तव में जो व्यक्ति व्यंग करते रहते हैं उनमें आत्म बल की कमी होती है। वह स्वयं तो कुछ कर नहीं पाते अतः अपनी इस कमी को वह व्यंग करके पूरा करते हैं।

यह उनकी चारित्रिक कमजोरी को भी प्रकट करता है। वास्तव में जो आत्मबल से संपन्न एवं मानसिक रूप से शक्तिशाली है उन्हें कभी भी व्यर्थ बोलने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। उनकी संकल्प शक्ति से ही सारे कार्य संपन्न हो जाते हैं।


 

रविवार, 25 अक्टूबर 2020

सुनने की कला

जैसे बोलने की कला अपने आप में एक महत्वपूर्ण कला है वैसे ही एक अच्छा श्रोता बनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अधिकतर लोग इससे अनभिज्ञ रहते हैं कि अच्छे रिश्ते की नींव एक अच्छा श्रोता बनना होता है। जितना अधिक हम दूसरों को ध्यान से और गहराई पूर्वक सुनते हैं उतना ही हमारा रिश्तो में अनुभव बढ़ता जाता है एवं हम लोगों को समझ पाते हैं। इससे हमारी परखने की शक्ति भी मजबूत होती है जिससे भविष्य में भी हम अपने रिश्तो की नींव को कमजोर नहीं होने देते। 
अधिकतर लोग इसको ना समझते हुए केवल इसलिए सुनते हैं कि उन्हें सुनी हुई बात का जवाब देना है। वास्तव में हर मनुष्य में इस बात की भूख है कि कोई उसे सुनी एवं समझे। यदि हम लोगों को सुनना सीख गए तो रिश्तो की उलझन में हम आधा तो जीत ही जाते हैं।

 

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...