शब्दों की शक्ति अपार है | विचारों से शब्दों का निर्माण होता है एवं हमारे शब्द ही हमारे
कर्मों में उतरकर हमारा भाग्य बनाते हैं। किसी से बात करते समय कैसे शब्द चुनना है
यह बहुत समझदारी का विषय है। कई बार केवल शब्दों के प्रयोग से बनती हुई बात बिगड़
जाती है या बिगड़ी हुई बात बन जाती है। साथ ही साथ शब्दों की भी अपनी शक्ति होती
है, अपनी
तरंगे होती हैं।
शब्दों के प्रयोग के समय केवल वाणी का
ही उपयोग नहीं कर रहा होता है किंतु भावों का भी समावेश करना होता है। कई बार वह भाव
बिना कहे ही गजब का प्रभाव छोडते हैं। कहते भी हैं दिल से कही गई बात सदैव सफल
होती है इसलिए शब्दों का चुनाव सोचकर करें।
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