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शनिवार, 7 नवंबर 2020

सफलता की उड़ान

सफलता आज के समय में कौन नहीं चाहता। आज हर कोई नाम शोहरत और और धन चाहता है। इस सफलता के लिए हर व्यक्ति अपनी ओर से पूरा प्रयास करता है हर तरह की कलाएं और गुण सीखता है, अपने व्यक्तित्व के ऊपर कार्य करता है किंतु जब उसे सफलता मिल जाती है तो वह अपनी जमीन और अपनी मिट्टी से मुंह मोड़ लेता है। वह अपने संघर्ष को तो याद रखता है लेकिन अपने से नीचे जो लोग हैं उनका दमन शुरू कर देता है।

सफलता के नशे में वह यह भूल जाता है कि पक्षी चाहे कितनी भी ऊंची उड़ान क्यों ना भरे अंततः उसे जमीन पर पांव रखना ही है। अपनी जड़ों को छोड़कर कोई भी जीवित नहीं रह सकता। कहीं ना कहीं उसके अंदर अधूरापन रह जाता है इसलिए सदैव संतुलित एवं अनुशासित रहे।


 

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