प्रेम के ऊपर जितना भी लिखा जाए वह कम है। बड़े बड़े महान कवियों की कलम से प्यार की बड़ी-बड़ी बातें लिखी गई हैं कुछ कविताओं के माध्यम से तो कुछ कहानियों के। प्रेम सदियों से चर्चा का विषय रहा है किंतु सच्चा प्रेम वह है जो स्वार्थ रहित हो । स्वार्थ रहित प्रेम में स्वीकार्यता बहुत अधिक होती है एवं वह सामने वाले व्यक्ति को कमजोर बनाने की वजह और भी ताकतवर बनाता है।
प्रेम की शक्ति अनंत है। सच्चा प्रेम बुझे हुए मन में भी आशा के दीपक जलाता है और एक प्यासे के लिए वह किसी जल की धारा की समान शीतल एवं तृप्त करने वाला होता है। सदा ध्यान रहे प्रेम कभी भी आपको कमजोर नहीं बल्कि शक्तिशाली एवं आत्म बल से संपन्न बनाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें