यह ब्लॉग अंतर्मन के मंथन से निकले हुए सुंदर विचारों का एक गुलदस्ता है जो सीधे हमारे हृदय को स्पर्श करते हैं और निरंतर अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं|
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हमारी जीभ को ईश्वर से एक अद्भुत वरदान मिला है- वाणी का। वाणी की शक्ति अपने आप में ऐसी अनुपम शक्ति है जिसकी ऊर्जा से समय-समय पर पूरा संसार आं...
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जब किसी नदी या सागर की गहराई में जाते हैं तब प्रवाह धीरे-धीरे शांत हो जाता है ,ऊपर की हलचल समाप्त हो जाती है। अचानक ही ऊपर के सारे तनाव, सार...
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रविवार, 20 सितंबर 2020
वाणी की शक्ति
संकल्प की ऊर्जा
बड़प्पन की गरिमा
शुक्रवार, 18 सितंबर 2020
संकल्प - जीवन का आधार
सम्मान
प्रशंसा की शक्ति
प्रशंसा एक दो धारी तलवार की तरह होती है। इसका स्वाद जो ना चखे वह उसके लिए तरसता है किंतु जो उसे चख लेता है वह अति उत्साहित होकर खुशी में आत्ममुग्ध सा हो जाता है। पुरानी कहावतो में कहा भी गया है कि अपने निंदक को हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योंकि वह हमें सदा अपनी बुराइयों से परिचित कराता रहता है एवं आत्ममुग्ध होने से बचाता है।
बड़े-बड़े महात्मा और महापुरुष भी काल के चक्र में पड़कर किसी समय विशेष पर प्रशंसा पाकर अभिमानी हो गए और अपने गुणों की तिलांजलि दे दी।प्रशंसा पाकर अक्सर बड़े-बड़े प्रभावशाली व्यक्तित्व के महापुरुष भी चाटूकारों के प्रभाव में आ जाते हैं एवं सच्चे मित्रों को खो देते हैं| अतः यह सत्य है कि प्रशंसा पाने में तो बड़ी अच्छी लगती है किंतु उसका भार उठाना अच्छे अच्छों को भारी पड़ता है।
गुरुवार, 17 सितंबर 2020
लक्ष्य की महानता
सोमवार, 14 सितंबर 2020
संकल्प की शक्ति
ख़ुशी की खुराक
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