संकल्प अर्थात हम से निकलने वाली निरंतर बहने वाली ऊर्जा की धारा जो विचारों के रूप में लगातार हम से प्रसारित होती रहती है। वास्तव में इस जगत में आने के बाद हम चलना - फिरना, खाना - पीना, उठना - बैठना पढ़ना इत्यादि सीखते हैं किंतु दुर्भाग्य से यह कोई नहीं जानता कि जैसे सोचना है। विचारों की शक्ति अद्भुत है किंतु इसी शक्ति को हम सबसे अधिक नजरअंदाज करते हैं एवं उसका दुरुपयोग स्वयं ही अपने विरुद्ध करते हैं। सुनने में यह बड़ा अजीब लगता है किंतु है बिल्कुल सत्य।
हमसे निकलने वाला हर विचार अपने आप में ऊर्जा का भंडार होता है। हर संकल्प की एक आवृत्ति होती है। जितना शक्तिशाली संकल्प, उतनी ही शक्तिशाली उसकी आवृत्ति होती है, चाहे वह संकल्प सकारात्मक हो या नकारात्मक। इससे ही पता चलता है कि हमारे सोचने के तरीके से हम, अपने आसपास किस तरह का वातावरण निर्मित करते हैं और अपने जीवन को कैसी दिशा देते हैं। तो अब जब भी सोचे संभल कर सोचे।
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