मीठे बोल का महत्व कौन नहीं जानता ? बिगड़ते हुए
कार्य प्रेम मिश्रित बोलो से बन जाते हैं, परिवार में पड़ी दरारें भावना के साथ बोले गए
मीठे वचनों से पट जाती है। जो इनके महत्व को नहीं जानते वह शायद इन्हें बड़ा छोटा
समझते हैं। जिन्हें प्रेम की बोली बोलना नहीं आता एवं सदा अधिकारपूर्वक हठ से
कार्य कराना जानते हैं वह यही सोचते हैं कि इन मीठे बोलो का आखिर क्या महत्व ? किंतु अधिकार
से व्यक्ति अपनों को खोता है एवं प्रेम से जीतता है।
अतः लंबे समय में जब प्रेम के बोल का
प्रभाव देखने में आता है तो यही महसूस होता है कि इनका दायरा वास्तव में बहुत बड़ा
है और इनकी गूंज अत्यधिक प्रभावी|
तो यदि अपनी
जीवन और अपने आसपास के वातावरण में कोई स्थाई परिवर्तन देखना हो तो मीठी वाणी के
चमत्कारों को खुद आजमा कर देखें।
Uttam vichar
जवाब देंहटाएंSatya vachan
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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