जब हम किसी देव पुरुष या किसी महापुरुष
के व्यक्तित्व को देखते हैं तो सबसे पहले जो दिखता है वह उनके चेहरे पर छाई हुई
अनोखी सरलता एवं शांति। उनके चारों ओर फैला हुआ प्रकाश स्वत: ही लोगों को अपनी ओर
आकर्षित कर लेता है। उनके व्यक्तित्व का सबसे सुंदर पहलू अगर कोई होता है तो वह है
उनके चेहरे पर फैली हुई धैर्य मिश्रित अनोखी शांति।
यही वह ऊर्जा है जो उन्हें सतत
प्रकाशमान करती है एवं अनेकों को उनकी ओर एक चुंबक की तरह खींचती भी है। यह ऊर्जा
यूं ही नहीं आती अपितु यह अंदर की तप साधना का ही परिणाम है। अतः जिसके अंदर शांति
है उसके लिए सारा जग ही सुंदर है।
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