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मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

साहस

आज के इस तनाव भरे समय में हर कोई अपना आत्म बल जैसे खोने लगा है एवं मानसिक शांति के लिए भटक रहा है। आज व्यक्ति के पास धन – संपदा, पद ,प्रतिष्ठा सभी कुछ है और आज से अधिक विलासिता एवं वैभव पहले मनुष्य के पास नहीं था। साधनों की कोई कमी नहीं होते हुए भी आज मनुष्य सबसे अधिक खाली हैं, अंतर्मन से हारा हुआ है अतः ऐसे समय में उस व्यक्ति का मूल्य तो सबसे अधिक हो जाता है जो मानव के मन में साहस एवं आत्मबल का संचार करें।

वास्तव में मानव के हृदय में सकारात्मकता का प्रकाश फैलाना एवं मन से हारे हुए व्यक्ति को उठ के खड़े होने के लिए प्रेरित करना सबसे बड़ा महान कार्य है। आज व्यक्ति को भौतिक साधनों से अधिक मानसिक शक्ति एवं आत्मबल की आवश्यकता है। जो यह कर सके वह परमात्मा का सच्चा बच्चा है।



 

सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

शब्द शक्ति

क्या आपको स्मरण है की शब्द भी एक शक्ति है और उसकी ऊर्जा को बचाना भी उतना ही जरूरी है। अक्सर यह देखा गया है कि अधिक एवं व्यर्थ बोलने वालों को कोई भी सुनना पसंद नहीं करता एवं बातचीत में उनकी वक्तव्य की गरिमा भी कोई नहीं रखता। उनकी वाणी का वास्तव में कोई मोल नहीं होता। दूसरी ओर जो व्यक्ति कम किंतु सधे हुए शब्दों में अपनी बात को रखता है उसकी बात का ना केवल मूल्य होता है बल्कि सभी उसका समुचित सम्मान भी करते हैं।

 कहने का तात्पर्य यह है कि अधिक बोलने या ऊंचा बोलने से आपकी बात की गरिमा एवं गहराई कम ही होती है ना की बढ़ती है अतः कम से कम शब्दों में किंतु तार्किक रूप से जब हम अपनी बात को प्रस्तुत करते हैं तो उसका वजन बढ़ जाता है। तो आगे से हमें अपनी बात को सधे हुए शब्दों में रखने के लिए सबसे पहले अपनी शब्दावली को सुधारना होगा।


 

रविवार, 11 अक्टूबर 2020

सम्बंध की गहराई

आज के युग में संबंधों की गरिमा ताक पर है। संबंध बनाना जितना सरल है, उतना ही कठिन है उसे निभाना क्योंकि आपसी संबंधों को मजबूती देने के लिए ना केवल एक दूसरे को समझना जरूरी होता है बल्कि दूसरे व्यक्ति के अनुसार ढलना भी होता है। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि व्यक्ति कितना समय किसी संबंध में देता है बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि वह कितनी समझदारी और प्रेम के साथ उस संबंध को निभाता है।

भावनाओं की शुद्धि एवं हृदय से तार जोड़ना ही किसी संबंध की गहराई को मापने का तरीका है एवं यही संबंधों को निभाने का आधार है। आज के इस आभासी और दिखावटी युग में संबंधों के आधार ही खोखले हैं जो प्रारंभिक रूप से दिखावे पर आधारित है अतः यह जानना और समझना आवश्यक है की संबंधों की गहराई हृदय से जुड़ी हैं ना कि बाह्य रूप और दिखावे से।


 

शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

मीठे बोलो का महत्व

मीठे बोल का महत्व कौन नहीं जानता ? बिगड़ते हुए कार्य प्रेम मिश्रित बोलो से बन जाते हैं, परिवार में पड़ी दरारें भावना के साथ बोले गए मीठे वचनों से पट जाती है। जो इनके महत्व को नहीं जानते वह शायद इन्हें बड़ा छोटा समझते हैं। जिन्हें प्रेम की बोली बोलना नहीं आता एवं सदा अधिकारपूर्वक हठ से कार्य कराना जानते हैं वह यही सोचते हैं कि इन मीठे बोलो का आखिर क्या महत्व ? किंतु अधिकार से व्यक्ति अपनों को खोता है एवं प्रेम से जीतता है।

अतः लंबे समय में जब प्रेम के बोल का प्रभाव देखने में आता है तो यही महसूस होता है कि इनका दायरा वास्तव में बहुत बड़ा है और इनकी गूंज अत्यधिक प्रभावी|  तो यदि अपनी जीवन और अपने आसपास के वातावरण में कोई स्थाई परिवर्तन देखना हो तो मीठी वाणी के चमत्कारों को खुद आजमा कर देखें।


 

गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020

मानवीय साहस

जब भी साहस के धनी एवं अभूतपूर्व कार्य करने वालों की चर्चा होती है तो उन लोगों का नाम जबान पर आता है जिन्होंने मुश्किलों से हार कर कभी पीछे मुड़ना स्वीकार नहीं किया, जिन्होंने अपने सपनों की उड़ान को किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होने दिया, जिन्होंने परिस्थितियों से डरकर कभी हार नहीं मानी। अगर उन्होंने भी सामान्य व्यक्तियों के जैसे विषमताओं से डरकर अपने साहस को खो दिया होता तो शायद आज मानवता की गरिमा को बढ़ाने वाले इतने अविष्कार कभी नहीं होते।

 अगर युग और काल के हाथों से आहत होकर मानवता को चोट पहुंची तो उसे मरहम लगाने वाले भी कई व्यक्ति हुए जिन्होंने इतने दुष्कर कार्य केवल अपने साहस और आत्मबल के बूते पर किए। सच ही तो है - सीमाएं उन्हीं के लिए बनी है जो हारना जानते हैं, जो उड़ान भरने के पहले ही डर कर अपने आप को सीमाओं में बांध लेते हैं।


आचरण की महानता

 आपका आचरण ही आपका जीता जागता प्रतिरूप हैजब जब किसी महान व्यक्ति या महापुरुष की चर्चा होती है तो सबसे पहले दृष्टि में आता है - उनका आचरण, उनका चरित्र। यह चरित्र ही वास्तव में हर व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी है जिसे आज के समय में दरकिनार कर दिया गया है। यह मान लिया गया है कि यदि धन, पद और प्रतिष्ठा है तो चरित्र का ज्यादा महत्व नहीं है किंतु वास्तव में अनंत काल के लिए वही याद किया जाता है जिसने अपनी वाणी से नहीं अपितु अपने कर्मों से उदाहरण पेश किया।

वाणी का जादू बहुत समय तक अपना काम नहीं करता क्योंकि उसकी पोल खुल ही जाती है। शीर्ष पर तो आपका कर्तृत्व एवं चरित्र ही होता है इसलिए अपने आचरण में सदाचार और गुणों की जितनी वृद्धि की जा सके उतना ही अच्छा है। वास्तव में आपके जाने के बाद भी अगर कुछ याद किया जाता है तो वह है आपके कर्म और आपका चरित्र।


 

बुधवार, 7 अक्टूबर 2020

परिश्रम का महत्व

 

 

आज का समय सुविधा और साधनों का हैआज से पहले तक मनुष्य के पास इतनी सुविधाएं कभी भी नहीं थी किंतु आज से पहले मानसिक तनाव भी इतना कभी नहीं थाआज मनुष्य सब कुछ पाना चाहता है किंतु भौतिकता के मकड़जाल में उलझकर सुविधा से युक्त तो हो जाता है किंतु मानसिक रूप से रिक्त हो जाता है, अंदर की भरपूरता कहीं समाप्त हो जाती है।

वास्तव में जीवन से संघर्ष की समाप्ति, अंदर जीवन जीने की इच्छा को समाप्त करता है क्योंकि बिना कुछ किए सब कुछ पा जाने से जैसे जीवन का रंग ही खत्म हो जाता है, उसकी महक तो वास्तव में कड़े परिश्रम से प्राप्त होने वाले फल में ही है। अतः जीवन में थोड़ा रंग संघर्ष और कठिनाइयों का भी भरना चाहिए तभी जीवन का कैनवास रंग बिरंगा होगा।

ख़ुशी की खुराक

आज का समय जैसे बड़ा ही निराशाजनक समय है जब लोग अपने घरों में बंद है एवं एक दूसरे से ना तो संपर्क कर पा रहे हैं और ना ही एक साधारण जीवन जी पा...