आज के इस तनाव भरे समय में हर कोई अपना
आत्म बल जैसे खोने लगा है एवं मानसिक शांति के लिए भटक रहा है। आज व्यक्ति के पास
धन – संपदा, पद ,प्रतिष्ठा सभी कुछ है और आज से अधिक विलासिता एवं वैभव पहले मनुष्य
के पास नहीं था। साधनों की कोई कमी नहीं होते हुए भी आज मनुष्य सबसे अधिक खाली हैं, अंतर्मन से
हारा हुआ है अतः ऐसे समय में उस व्यक्ति का मूल्य तो सबसे अधिक हो
जाता है जो मानव के मन में साहस एवं आत्मबल का संचार करें।
वास्तव में मानव के हृदय में
सकारात्मकता का प्रकाश फैलाना एवं मन से हारे हुए व्यक्ति को उठ के खड़े होने के
लिए प्रेरित करना सबसे बड़ा महान कार्य है। आज व्यक्ति को भौतिक साधनों से अधिक
मानसिक शक्ति एवं आत्मबल की आवश्यकता है। जो यह कर सके वह परमात्मा का सच्चा बच्चा
है।