कहते हैं शब्दों की गरिमा रखना हर किसी
के बस की बात नहीं होती। शब्दों की शक्ति का एहसास बहुत कम लोगों को होता है। कुछ
उन्ही शब्दों से अपने जीवन में सब कुछ नष्ट कर लेते हैं और कुछ उन शब्दों के जादू
से लोगों को मोहित कर लेते हैं किंतु अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि शब्द भी सीमित
और शक्तिशाली होने चाहिए। जिन्हें अपनी शक्ति प्रिय होती है वह
बहुत सोच समझकर गंभीरता से बोलते हैं अतः उनके शब्दों में गहराई एवं अर्थ होता है।
जो यूं ही बोलते रहते हैं वे अपनी
संकल्प शक्ति को व्यर्थ गँवाते हैं और इसी कारण उनके शब्दों में भी प्रभाव नहीं रह
जाता अतः उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता। अतः कम बोले लेकिन अर्थपूर्ण और गहराई
लिए हुए बोले तब देखें कैसे आपके शब्द फलित होते हैं।
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